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IAS मंजूनाथ भजन्त्री ने संभाली पूर्वी सिंहभूम की कमान : जानें क्यों रहे हैं चर्चा में, पिछले कार्यकाल में दो बार लिया एक जिले का पदभार, सांसद ने दिल्ली में दर्ज कराया था केस

by Rakesh Pandey
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स्पेशल डेस्क, रांची : वर्ष 2011 बैच के IAS अधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने गुरुवार को जमशेदपुर स्थित समाहरणालय में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त का पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने निवर्तमान उपायुक्त विजया जाधव से पदभार लिया। मंजूनाथ भजन्त्री इससे पहले देवघर के उपायुक्त थे। मूल रूप से कर्नाटक के बेलगाम जिले के रहने वाले इस आइएएस अधिकारी ने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। शुरुआती पढ़ाई के दौरान वह स्कूल टॉपर रहे हैं।

अपने कार्यों के कारण बने रहे सुर्खियों में
देवघर में अपने कार्यकाल के दौरान भजन्त्री अक्सर अलग-अलग वजहों से सुर्खियों में बने रहे। गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने बतौर नौकरशाह मंजूनाथ की कार्य प्रणाली की शिकायत गृह मंत्रालय तक में की।

एक ही जिले में दो बार संभाला पदभार
देवघर में पदस्थापना के दौरान मंजूनाथ भजन्त्री ने एक ही जिले में दो बार उपायुक्त पद का पदभार संभाला। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटने के तत्काल बाद मंजूनाथ को देवघर का डीसी बनाया गया था। उन्होंने नैंसी सहाय से पदभार ग्रहण किया था। इस बीच गोड्डा के भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे के साथ उनका विवाद शुरू हो गया।

सांसद निशिकांत दुबे से विवाद को लेकर रहे चर्चा में
सांसद की पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने के बाद विवाद बहुत बढ़ गया। मामला झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इस बीच देवघर में हुए उपचुनाव में बतौर जिला निर्वाचन पदाधिकारी उनके क्रियाकलाप की शिकायत चुनाव आयोग से की गई।

लिहाजा चुनाव आयोग ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए उन्हें उपायुक्त पद से हटा दिया। उनकी जगह पर फिर नैंसी सहाय को उपायुक्त बनाकर भेजा जाए। चुनाव में लागू आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार ने एक बार फिर उपायुक्त पद पर उनका पदस्थापन देवघर में कर दिया।

देवघर एयरपोर्ट में निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के प्रवेश को लेकर भी हुआ था विवाद
देवघर में विवादों का सिलसिला यहीं नहीं थमा। देवघर में नवनिर्मित एयरपोर्ट के संवेदनशील कक्ष में गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे, दिल्ली के सांसद और गायक मनोज तिवारी तथा दो बच्चों की बिना अनुमति एंट्री को बड़ा लेकर विवाद हुआ। इसमें एक तरफ जहां बतौर डीसी मंजूनाथ ने आपत्ति जतायी।

वहीं मंजूनाथ, देवघर पुलिस के खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज करा दिया। वहीं सांसद व अन्य लोगों के खिलाफ देवघर में केस दर्ज किया गया। इस मामले में भी वह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे। कई लोगों ने जहां इस विवाद में आइइएस मंजूनाथ की कार्यशैली की सराहना की थी। वहीं कई लोगों ने उन पर मौजूदा राज्य सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। बतौर डीसी पूरे घटना को लेकर किया गया उनका ट्वीट काफी वायरल हुआ था।

मंजूनाथ के कार्यकाल में हुआ था रोप-वे हादसा
मंजूनाथ के देवघर में डीसी रहते हुए ही त्रिकूट पर्वत पर रोप-वे हादसा हुआ था। इसमें रोप-वे खराब होने के कारण 50 लोग हवा में लटक गए थे। करीब 45 घंटे से अधिक समय तक चले ऑपरेशन के बाद सेना और स्थानीय लोगों की मदद से लोगों का रेस्क्यू किया गया था। इसमें 3 लोगों की मौत हुई थी। बाद में सरकार ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई थी।

हाईकोर्ट ने किया था मंजूनाथ को तलब, तय तिथि को होना पड़ा था उपस्थित
देवघर से जुड़े एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने बतौर देवघर उपायुक्त मंजूनाथ को सशरीर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उन्हें मामले की सुनवाई के दौरान ही उसी तिथि को शाम तक कोर्ट में मौजूद होने के लिए कहा गया था। न्यायालय के आदेश पर मंजूनाथ आनन-फानन में देवघर से रांची पहुंचे थे।

संवैधानिक अधिकारों से जुड़े मुद्दे पर ट्वीट करते रहते हैं मंजूनाथ
आईएएस मंजूनाथ संवैधानिक अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर ट्वीट करते रहते हैं। वह बाबा साहब आंबेडकर को अपना आदर्श मानते हैं। बाबा साहब की ओर से संविधान के बारे में की गई टिप्पणी को मंजूनाथ ने ट्विटर पर कई बार कोट किया है।

 

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