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भारतवंशी उम्मीदवार रामास्वामी का बयान, अमेरिका का राष्ट्रपति बना तो छीन लूंगा लाखों स्टाफ की नौकरी

by Rakesh Pandey
अमेरिका का राष्ट्रपति बना तो छीन लूंगा लाखों स्टाफ की नौकरी
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सेंट्रल डेस्क। अगले वर्ष यानि 2024 में अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव होनेवाला है। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने एक चौंकाने वाला बयान देकर हलचल मचा दी है। वाशिंगटन में अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट में बोलते हुए विवेक रामास्वामी ने कहा है कि अगर वह 2024 का राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो अमेरिका के 75 प्रतिशत से अधिक सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देंगे। इतना ही नहीं, ये भी ऐलान किया है कि वे एफबीआई जैसी कई प्रमुख एजेंसियों को भी बंद कर देंगे।

विवेक बने राष्टपति तो खतरे में पड़ सकती है साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों की नौकरी

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कहा कि उनके निशाने पर शिक्षा विभाग, एफबीआई, आबकारी, तंबाकू, शस्त्र और विस्फोटक ब्यूरो, परमाणु नियामक आयोग, (आंतरिक राजस्व सेवा) आईआरएस और वाणिज्य विभाग होगा। बता दें कि यदि विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति बनते हैं तो कम से कम साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों की नौकरी खतरे में होगी।

कैसे करेंगे कटौती? अपनी कार्ययोजा भी बताई

रामास्वामी ने कहा कि अगर वह व्हाइट हाउस में आते हैं तो वह कार्यालय में अपने पहले वर्ष में संघीय कर्मचारियों की संख्या को पचास प्रतिशत और अपने पहले कार्यकाल के दौरान 75% तक कम करने की कोशिश करेंगे।

अमेरिका का राष्ट्रपति बना तो छीन लूंगा लाखों स्टाफ की नौकरी

उन्होंने कहा, ‘हम पहले दिन से शुरुआत करेंगे और साल के अंत तक 50 प्रतिशत कटौती करेंगे। रामास्वामी ने आगे कहा, “ध्यान रहे कि इनमें से 30 प्रतिशत कर्मचारी अगले पांच साल की अवधि में सेवानिवृत्ति के पात्र हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह उतना पागलपन नहीं है जितना लगता है। रामास्वामी ने 20,000 कर्मचारियों को गैर-जरूरी भूमिकाओं से हटाने और 15,000 को विभिन्न संघीय विभागों में फिर से नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा। तर्क दिया कि नौकरशाही अक्सर ऐसे काम करती है जो उसे नहीं करनी चाहिए।

सरकारी कर्मचारियों में विशेषज्ञता का अभाव

रामास्वामी ने यह भी दावा किया कि अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों के पास अपने निर्धारित क्षेत्रों में विशेषज्ञता का अभाव है। रामास्वामी ने कहा, “जिन लोगों को हम सरकार चलाने के लिए चुनते हैं, उन्हें वास्तव में सरकार चलानी चाहिए।” यहां यह जानना भी जरूरी है कि पद पर रहते हुए डोनाल्ड ट्रम्प भी अक्सर सरकारी कर्मचारियों से बहुत खुश नहीं थे। अक्सर अपने प्रशासन की प्राथमिकताओं के खिलाफ काम करने वाले नौकरशाहों की आलोचना करते थे। हालांकि उन्होंने कर्मचारियों की नौकरी नहीं छीनी।

और भी लोग दे रहे हैं कार्यबल में कटौती का सुझाव

आपको बता दें कि विवेक रामास्वामी संघीय कार्यबल में कटौती का सुझाव देने वाले एकमात्र रिपब्लिकन उम्मीदवार नहीं हैं। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने कुछ इसी तरह की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह आंतरिक राजस्व सेवा, या आईआरएस, वाणिज्य विभाग, ऊर्जा विभाग और शिक्षा विभाग को खत्म कर देंगे।

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