लखनऊ : लखनऊ नगर निगम ने इकाना क्रिकेट स्टेडियम प्रशासन को 28 करोड़ रुपये से अधिक का संपत्ति कर चुकाने का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस से आगामी महिला प्रीमियर लीग (WPL) और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मुकाबलों के आयोजन पर सवाल उठने लगे हैं।
नगर निगम द्वारा अपर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि जोन-चार ने इकाना स्टेडियम को 28,42,96,903 रुपये संपत्ति कर चुकाने का नोटिस भेजा है। इसमें 1 दिसंबर 2020 से निर्धारित कर राशि 5,45,32,654 रुपये और बाकी बकाया राशि 22,97,64,249 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।
अपर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि केवल सरकारी सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं के खेल मैदान और खेल स्टेडियमों को ही संपत्ति कर से छूट प्राप्त है, और इस छूट का लाभ इकाना स्टेडियम को नहीं मिलेगा। उनका कहना था कि स्टेडियम में आईपीएल जैसे पेशेवर खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के टिकट की बिक्री होती है, जिसे देखते हुए इस पर संपत्ति कर लगाया जा सकता है।
इकाना स्टेडियम के निदेशक उदय सिन्हा ने इस नोटिस को ‘नियम विरुद्ध’ बताया है और कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। सिन्हा ने दावा किया कि नगर निगम की नियमावली में सभी प्रकार के स्टेडियमों को संपत्ति कर से छूट देने का उल्लेख किया गया है। ऐसे में नगर निगम ने 28 करोड़ रुपये से अधिक का कर नोटिस क्यों भेजा, यह सवाल खड़ा हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि स्टेडियम प्रशासन ने करीब सात महीने पहले गृह कर निर्धारण के खिलाफ नगर निगम में आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन अब वह खारिज कर दी गई है।
सिन्हा ने कहा कि नोटिस में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि बकाया धनराशि कब तक जमा की जानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद इस नोटिस को खारिज किया जाएगा।
इकाना स्टेडियम आईपीएल की लखनऊ ‘सुपर जायंट्स’ का घरेलू मैदान है और इस साल आईपीएल में यहां सात मुकाबले खेले जाने हैं। स्टेडियम प्रशासन ने कहा है कि वे इस मुद्दे को जल्द सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं और उम्मीद करते हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा।