पॉलिटिकल डेस्क : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी को बड़ा झटका देते हुए देश के चुनाव आयोग ने ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (PTI) के संगठनात्मक चुनावों और आठ फरवरी के आम चुनावों के लिए क्रिकेट के बल्ले को उसके चुनाव चिह्न के रूप में रखने की उसकी याचिका को खारिज कर दिया है। जहां पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं, वहीं Imran Khan की पार्टी पीटीआई से चुनाव चिह्न छिन लिए जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। बल्ला चुनाव चिह्न नहीं रहने पर उनकी पार्टी के लिए चुनाव में जीत दर्ज कराना आसान नहीं होगा।
पाकिस्तान की राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वाले राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में सेना इमरान को पसंद नहीं करती है। पाकिस्तानी सेना की कोशिश है कि किसी भी तरह से पाकिस्तान की सरकार में इमरान खान की दुबारा वापसी को रोका जाए।
पीटीआई संविधान के अनुसार चुनाव कराने में विफल
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) के पांच सदस्यीय पैनल ने पेशावर में 2 दिसंबर को हुए पार्टी चुनावों के खिलाफ पीटीआई के सदस्यों द्वारा दायर कई याचिकाओं की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पैनल ने कहा कि पीटीआई अपनी पार्टी के संविधान के अनुसार चुनाव कराने में विफल रही। उसने यह भी फैसला सुनाया कि बल्ला पार्टी का चुनावी चिह्न बना नहीं रह सकता।
Imran Khan ने जेल से ही किया नामांकन
पाकिस्तान चुनाव आयोग का ये फैसला उस वक्त आया है, जब फरवरी महीने में होने वाले चुनाव को लेकर पाकिस्तान में कल (22 दिसंबर) नामांकन का आखिरी दिन था और इमरान खान ने जेल से ही नामांकन दाखिल किया। वहीं, चुनाव आयोग ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अंदरूनी चुनाव को पीटीआई के पूर्व सदस्य अकबर एस बाबर की याचिका पर गैर-कानूनी घोषित किया है, जिन्होंने दावा किया था कि पीटीआई ने नियमों के मुताबिक चुनाव नहीं कराया है।
क्या है आदेश में?
11 पेज का आदेश पीटीआई के पूर्व सदस्य अकबर एस बाबर की याचिका पर दिया गया, जिसने दावा किया था कि पीटीआई ने नियमों के अनुरूप चुनाव नहीं कराया था। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह पूर्व सत्ताधारी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह 8 फरवरी को चुनाव होने हैं। पार्टी के संस्थापक इमरान खान पहले से ही महीनों से सलाखों के पीछे हैं और उनकी रिहाई जल्द होती नहीं दिख रही है।
आदेश में कहा गया है, “पीटीआई ने हमारे निर्देशों का पालन नहीं किया है और प्रचलित संविधान, 2019 और चुनाव अधिनियम, 2017 और चुनाव नियम, 2017 के अनुसार अंतर-पार्टी चुनाव कराने में विफल रही है। चुनावों को गैरकानूनी घोषित किए जाने के साथ बैरिस्टर गोहर अली खान, जिन्होंने खान की जगह पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था, अब पार्टी के शीर्ष प्रमुख नहीं हैं।
पार्टी ने चुनाव के नाम पर चयन प्रक्रिया करने का लगाया आरोप
पीटीआई के पूर्व नेता अकबर एस अहमद के नेतृत्व में कई याचिकाकर्ताओं ने पार्टी पर चुनाव के नाम पर चयन प्रक्रिया करने का आरोप लगाया। ईसीपी में चुनाव को चुनौती दी, जिसका उद्देश्य कुछ वकीलों को बागडोर देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बाहर करना था। मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के नेतृत्व वाले ईसीपी पैनल ने प्रतिद्वंद्वी दलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।