नई दिल्ली: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने 27 जून, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला के माध्यम से हवाई अड्डा सुरक्षा को मजबूत करने और यात्री अनुभव को बेहतर बनाने की पहल की। इस कार्यशाला में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई), दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) और इंडिगो, एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी प्रमुख एयरलाइनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य सुरक्षा को और प्रभावी बनाते हुए यात्रियों के लिए प्रक्रिया को सुगम करना था।
तकनीकी नवाचार और प्रशिक्षण पर जोर
कार्यशाला में बायोमेट्रिक एयरपोर्ट एंट्री पास, चेहरे की पहचान, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) और फास्ट टैग एकीकरण जैसी तकनीकों पर चर्चा हुई। ये उपाय सुरक्षा जांच को तेज और कुशल बनाएंगे, जिससे कतारों में लगने वाला समय कम होगा। डेटा विश्लेषण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग जोखिमों का पहले से अनुमान लगाने में मदद करेगा। सभी हवाई अड्डा कर्मचारियों के लिए एकीकृत प्रशिक्षण और नए विमानन सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना से छोटे शहरों में भी एकसमान सुरक्षा मानक सुनिश्चित होंगे।
वीआईपी सुरक्षा और शिकायत निवारण में सुधार
वीआईपी सुरक्षा के लिए उन्नत एंटी-ड्रोन रणनीतियाँ और अंदरूनी खतरों की जांच पर बल दिया गया। यात्री शिकायत निवारण तंत्र को और प्रभावी बनाने के लिए एयरसेवा जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने पर सहमति बनी।
सहयोग से सुरक्षित भविष्य
विशेष महानिदेशक, एयरपोर्ट सेक्टर, सीआईएसएफ ने भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। आईजी एयरपोर्ट सेक्टर-I, सीआईएसएफ और डीजीसीए के प्रतिनिधि ने तकनीकी एकीकरण और निरंतर सुधार पर बल दिया। आईजी एपीएस II, सीआईएसएफ ने सहयोग और नवाचार को विमानन सुरक्षा का आधार बताया। यह कार्यशाला भारत में हवाई यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।