कजान (रूस) : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है। यह वार्ता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कजान पहुंचने के बाद हुई।
मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपनी शुरुआती टिप्पणियों में कहा, “हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली का पूर्ण समर्थन करते हैं।” प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए पिछले तीन महीनों में अपनी रूस यात्रा को एक महत्वपूर्ण संकेत बताया। उन्होंने कहा, “हम रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के मुद्दे पर लगातार संपर्क में हैं। हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।”
भारत के प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मानवता को प्राथमिकता देने के लिए भारत हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है। उन्होंने यह भी कहा, “हमारे पास इन सभी मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर है।”
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस अवसर पर भारत और रूस के बीच व्यापार की अच्छी स्थिति का उल्लेख किया। मोदी ने जुलाई में मॉस्को में पुतिन के साथ हुई शिखर वार्ता के परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि यह वार्ता दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने में सहायक रही है। उन्होंने कहा, “हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलन के परिणामस्वरूप हर क्षेत्र में सहयोग मजबूत हुआ है।”
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए पुतिन को बधाई देते हुए मोदी ने यह भी कहा कि कई देश अब इस समूह में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए कजान जैसे खूबसूरत शहर में आने का अवसर मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं। कजान में भारत के नए वाणिज्य दूतावास के खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे।”
समझा जाता है कि बैठक में यूक्रेन विवाद पर प्रमुखता से चर्चा की गई। मोदी ने इस विषय पर अपनी स्पष्ट स्थिति व्यक्त करते हुए कहा था कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं है और बम तथा गोलियों के बीच शांति प्रयास सफल नहीं हो सकते। उन्होंने जुलाई में मॉस्को में पुतिन से कहा था, “कुछ सप्ताह बाद मैंने यूक्रेन की यात्रा की और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बातचीत के दौरान कहा कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए युद्ध को समाप्त करने के लिए बैठकर बातचीत करनी चाहिए।”
भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह वार्ता न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि यह वैश्विक शांति के लिए भारत के योगदान की भी पुष्टि करती है। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब दुनिया को इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता है।
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