चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल में एक सप्ताह से घायल हाथी को वन विभाग ने ट्रेस कर लिया है। मेडिकल टीम की मौजूदगी में शुक्रवार को हाथी को दवा खिलाई गई। शनिवार को भी उसका इलाज किया जाएगा। मनोहरपुर के वन विश्रामागार में पत्रकारों से सारंडा प्रमंडल के डीएफओ अभिरुप सिन्हा ने कहा कि घायल हाथी को सारंडा के एक नाला के समीप से ट्रेस कर लिया गया है। वहां वर्तमान में चाईबासा के अलावा राउरकेला और क्योंझर की वेटनरी टीम मौजूद है। घायल हाथी का अभी प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। शनिवार से इलाज शुरू किया जाएगा। इसके लिए गुजरात के वनतारा से आ रही विश्व की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम का इंतजार किया जा रहा है। टीम शुक्रवार को देर शाम तक यहां पहुंचेगी।
उन्होंने हाथी के घायल होने के कारणों के बारे में कहा कि मेडिकल जांच के बाद ही हाथी के घायल होने के कारणों का खुलासा होगा। हालांकि उन्होंने आईईडी विस्फोट की संभावना से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि नियम के तहत हाथी को एक ही बार ट्रेंकुलाइज किया जाता है। हाथी अभी नाला के किनारे है और उसकी हालत गंभीर है।
हाथी अभी भी उग्र है, अतः वहां उसे ट्रेंकुलाइज करना थोड़ा कठिन है। वनतारा की टीम के नए के बाद ट्रेंकुलाइज करने के बाद ही उसका विधिवत इलाज किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार हाथी काफी कमजोर हो गया है। उसका पिछला बायां पैर बुरी तरह से जख्मी है और उसके पैर से मवाद और खून का रिसाव भी हो रहा है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हाथी आईईडी की चपेट में आने से घायल हुआ है या इसके पीछे कुछ और कारण है।