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इंटर की बाेर्ड परीक्षा 6 फरवरी से ग्रेजुएट काॅलेज की 8 छात्राओं का नहीं आया एडमिट कार्ड, राेते राेते हुईं बीमार

by The Photon News Desk
JAC
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जमशेदपुर: झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) की ओर से आयाेजित मैट्रिक व इंटर की बाेर्ड परीक्षा परीक्षा मंगलवार 6 फरवरी से शुरू हाेनी है। लेकिन ग्रेजुएट काॅलेज प्रशासन की लापरवाही की वजह से काॅलेज की 8 छात्राओं का एडमिट कार्ड ही नहीं आया है। जिससे उनके ऊपर परीक्षा में शामिल नहीं हाेने का खतरा मंडरा रहा है।

ऐसे में छात्राएं व उनके अभिभावकों के साथ छात्र आजसू के नेताओं ने विराेध प्रदर्शन किया गया। सबसे पहले सभी उपायुक्त कार्यालय पहुंचे लेकिन वहा पर डीसी,डीडीसी व एडीसी के नहीं हाेने पर छात्राएं काॅलेज पहुंची और प्रदर्शन किया। हंगामे के बीच कुछ छात्राओं की रोते रोते तबीयत खराब हो गयी।

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इसके बाद प्रिंसिपल ने छात्राओं से मुलाकात कर सारी बातों की जानकारी ली। आजसू छात्र संघ के दवाब के बाद कॉलेज ने छात्रों के मांग पत्र के साथ अपना एक पत्र जैक चेयरमैन को मेल के माध्यम से भेजा जिसमे छात्रों का परीक्षा फॉर्म अपलोड करने और प्रवेश पत्र जारी करने का आग्रह किया गया है। इसके बाद विद्यार्थी शांत हुए। इस आंदोलन में ग्रेजुएट कॉलेज कमिटी की अध्यक्षा श्रेय सिंह, गुलशन अरा, तानिया सिंह एवं राजेश महतो, नितेश शर्मा, कुंदन यादव, कामेश्वर प्रसाद, आयुष दास, राहुल पाठक आदि उपस्थित थे।

JAC : छात्राओं ने परीक्षा फार्म व फीस भी भरा, लेकिन एडमिट कार्ड नहीं जारी हुआ

वहीं इस पूरे मामले की शिकायत छात्राओं की ओर से सीएमओ कार्यालय, सीएम चंपई सोरेन, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो, बन्ना गुप्ता, विधायक सरयू राय काे भी दी। इस दाैरान छात्र नेता हेमंत पाठक ने कहा कि ग्रेजुएट कॉलेज के कर्मचारियों की यह गलती है जिसे उन्हाेंने स्वीकार भी किया है लेकिन सबसे बड़ी बात है की इन छात्रों को परीक्षा में बैठने का मौका प्राप्त होना, जब

छात्राओं का बिना रोल नंबर के प्री बोर्ड परीक्षा लिया गया तो फिर इस प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी कर इनका परीक्षा लिया जाय लेकिन जैक के पदाधिकारी भी अपने अड़ियल रवैए के ऐसा नहीं हाे पा रहा है। जबकि सभी छात्राओं ने सही समय पर फॉर्म फील अप किया , बैंक के माध्यम से पैसा जमा करवाए, उसके बाद अपना सारा पेपर कॉलेज में जमा करवाई उसके बाद कॉलेज ने उसको वेबसाइट पर अपलोड नही किया तो इन सभी प्रकरण में छात्रों की क्या गलती है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि सभी छात्राओं काे राहत देते हुए परीक्षा देने दिया जाए।

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