CBSE News : देश भर में सीबीएसई स्कूलों में दाखिले की बढ़ती मांग और स्कूलों के पास पर्याप्त जगह न होने की समस्या को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। बोर्ड ने स्कूलों में कक्षा के नए सेक्शन खोलने के नियमों को आसान कर दिया है, जिससे अब और अधिक छात्रों को उनके घर के पास के स्कूलों में दाखिला मिल पाएगा।
जमीन नहीं, अब बिल्ट-अप एरिया पर होगा फोकस
सीबीएसई ने संबद्धता मानदंडों में संशोधन करते हुए यह तय किया है कि अब स्कूलों को क्लास के सेक्शन बढ़ाने की अनुमति कुल भूमि के आकार के बजाय बिल्ट-अप कारपेट एरिया (Built-up carpet area) के आधार पर दी जाएगी। यह बदलाव खासकर घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों के स्कूलों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आया है, जहाँ जमीन का बड़ा टुकड़ा मिलना अक्सर मुश्किल होता है।
इस नई नीति के बाद, बच्चों को पढ़ने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, जिससे उनके स्वास्थ्य, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विकास पर पड़ने वाले नकारात्मक असर को रोका जा सकेगा। सीबीएसई ने अपने सर्कुलर में इस बात पर जोर दिया कि आस-पड़ोस के स्कूलों में सीटों की कमी के कारण बच्चों को लंबी यात्रा करनी पड़ती है, जो उनके लिए हानिकारक है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के लक्ष्य पूरे होंगे
यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों के भी अनुरूप है, जिसमें बच्चों को शिक्षा की समान पहुंच और पड़ोस में ही स्कूली शिक्षा प्रदान करने की बात कही गई है। स्कूल प्रधानाचार्यों और अधिकारियों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे दाखिले का दबाव कम होगा और बच्चों की यात्रा का समय बचेगा।
क्या हैं नए और पुराने नियम?
- पुराना नियम: पहले, किसी सीबीएसई स्कूल में अधिकतम सेक्शनों की संख्या स्कूल के पास उपलब्ध कुल भूमि क्षेत्र के आधार पर तय होती थी।
- नया नियम: संशोधित नियमों के तहत, अब स्कूल प्रत्येक 400 वर्ग मीटर बिल्ट-अप एरिया के लिए तीन अतिरिक्त सेक्शन जोड़ सकते हैं। यह नियम विदेशी स्कूलों को छोड़कर सभी मौजूदा और नए संबद्ध स्कूलों पर लागू होगा।
इसके अलावा, कक्षा 11 और 12 के सेक्शनों की संख्या को लेकर भी नियम बदल गए हैं। पहले इनकी संख्या कुल सेक्शनों के एक-तिहाई तक सीमित थी। अब कक्षा 9, 10, 11 और 12 के लिए सेक्शनों की संख्या अलग-अलग तय की गई है। बालवाटिका से कक्षा 10 या 12 तक, किसी भी स्तर पर कुल सेक्शनों की संख्या का अधिकतम एक-चौथाई हिस्सा ही रखा जा सकता है।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि सेक्शन के नियमों में बदलाव के बावजूद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पर्याप्त बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए प्रति सेक्शन 40 छात्रों की सीमा को बरकरार रखा गया है। साथ ही, स्कूलों को स्थानीय निकायों या लाइसेंस प्राप्त आर्किटेक्ट से अपने बिल्ट-अप एरिया का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा।
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