

Jamshedpur (Jharkhand) : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के हालिया आदेश के विरोध में, रविवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गौपाल मैदान के सामने डॉग लवर्स (Dog Lovers) और पशु अधिकार कार्यकर्ता (Animal Rights Activists) सड़कों पर उतर आए। वे सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का विरोध कर रहे थे, जिसमें आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया गया है।

कुत्तों का विस्थापन अमानवीय : प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी अपने साथ स्ट्रीट डॉग्स को भी लाए थे और हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर नारे लगा रहे थे। उनका मानना है कि गली-मोहल्लों में रहने वाले कुत्ते केवल सुरक्षा से ही नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी समाज का हिस्सा हैं। उन्हें विस्थापित करना एक अमानवीय कदम होगा, जो उनके जीवन को खतरे में डाल देगा।

कुत्तों को विस्थापित करना समस्या का समाधान नहीं
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर यह आदेश लागू हुआ, तो इंसान और जानवर के बीच वर्षों से चला आ रहा सह-अस्तित्व टूट जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुत्तों को विस्थापित करना इस समस्या का समाधान नहीं है। इसके बजाय, प्रशासन को टीकाकरण, नसबंदी और देखभाल केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि कुत्तों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके और उन्हें सुरक्षित रखा जा सके।

शांतिपूर्ण आंदोलन को तेज करने की चेतावनी
इस विरोध-प्रदर्शन में कई पशु अधिकार कार्यकर्ता, समाजसेवी, महिलाएं, छात्र और युवा शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि कुत्तों को समस्या नहीं, बल्कि सह-जीवन का हिस्सा समझा जाना चाहिए। डॉग लवर्स ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जबरन कुत्तों को हटाने की कोशिश की, तो वे अपने इस शांतिपूर्ण आंदोलन को और तेज करेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त, 2025 को दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया था। इस आदेश के अन्य राज्यों में भी लागू होने की संभावना ने पशु प्रेमियों की चिंता बढ़ा दी है। इस वजह से वे विरोध-प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
