जमशेदपुर : जमशेदपुर के मानगो में नेशनल हाईवे 33 पर ट्रांसमिशन टावर बनाया जा रहा है। इसके चलते मानगो में दो दिन से बिजली आपूर्ति ठप है। यह ट्रांसमिशन टावर मंगलवार की शाम को ही बन कर तैयार हो जाना था। मगर, बुधवार की रात तक काम पूरा नहीं हो पाया है। बिजली विभाग ने जनता से कहा था कि रोटेशन के आधार पर हर इलाके में बिजली आपूर्ति की जाएगी। मगर, यह रोटेशन मजाक बन कर रह गया है। मानगो के जवाहर नगर, पारडीह, डिमना, आजाद बस्ती आदि इलाकों में दो-तीन घंटे बाद 15 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति दी जा रही है। इससे किसी को कोई फायदा नहीं हो रहा है। दो दिन से मानगो में बिजली आपूर्ति की जो हालत रही उससे लोग परेशान हो गए हैं। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाया है।

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने कहा था कि ट्रांसमिशन टावर का निर्माण मंगलवार की शाम छह बजे तक पूरा कर लिया जाएगा। तब तक मानगो, पटमदा और बोड़ाम इलाके में बिजली आपूर्ति ठप रहेगी। थोड़ी देर के लिए रोटेशन के आधार पर बिजली दी जाएगी। मगर, यह निर्माण मंगलवार की रात तक पूरा नहीं कर पाया। जेबीवीएनएल के जीएम ने भरोसा दिलाया था कि मंगलवार की शाम छह बजे तक हर हाल में काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि वह जनता को ज्यादा तकलीफ नहीं देता चाहते। लेकिन, बिजली विभाग का यह वादा पूरा नहीं हो पाया है।
इसके बाद विभाग के अधिकारी कह रहे थे कि बुधवार को दोपहर बाद दो बजे तक हर हाल में काम पूरा कर बिजली आपूर्ति सामान्य कर दी जाएगी। मगर, बुधवार को शाम चार बजे तक भी ट्रांसमिशन टावर नहीं बन पाया था। बिजली विभाग के अधिकारियों ने तो जीएम को भी गलत सूचना दे दी। उन्हें बताया गया कि मानगो के डिमना रोड के इलाकों को छोड़ कर बाकी हर जगह बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। मगर, ऐसा नहीं था। जवाहर नगर रोड नंबर 15, समेत कई इलाके अब भी अंधेरे में हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि अब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। डिमना रोड के रहने वाले राजेश कुमार कहते हैं कि बिजली विभाग के अधिकारियों पर कैसे भरोसा किया जाए। यह कभी कुछ कहते हैं तो कभी कुछ।
पहले ही हटा दिया था सेटअप
इलाके के लोगों का कहना है कि मानगो में बिजली विभाग ने लापरवाही बरती है। विभाग ने पहले ही पुराने ट्रांसमिशन टावर वाले सेटअप को हटा दिया और इसके बाद नया सेटअप तैयार करना शुरू किया। इसी वजह से ट्रांसमिशन टावर तैयार करने और उस पर हाईवोल्टेज तार लगाने में देर हो रही है। कहा जा रहा है कि अगर बिजली विभाग पहले नया ट्रांसमिशन टावर बना लेता और इसके बाद पुराना सेटअप हटाता। तब नए ट्रांसमिशन टावर में बिजली की लाइन दौड़ाई जाती तो शायद इतनी देर नहीं होती।