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जामताड़ा से साइबर ठगी का भंडाफोड़, 15 लाख की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

पंजाबी बाग साइबर पुलिस ने 48 वर्षीय सनाउल मियां को दबोचा, दो स्मार्टफोन और आपत्तिजनक सबूत बरामद

by Anurag Ranjan
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नई दिल्ली : पश्चिम जिले की साइबर पुलिस ने एक सनसनीखेज साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। जामताड़ा से संचालित इस ठगी के एक मास्टरमाइंड, सनाउल मियां (48), को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि आरोपी ने इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के सहायक बैंक मैनेजर बनकर शिकायतकर्ता से 15 लाख रुपये की ठगी की थी।

आरोपी ने खुद को आकाश वर्मा के रूप में पेश करते हुए इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक का सहायक मैनेजर बताया और शिकायतकर्ता के दो आईपीपीबी खातों को एक ऐप से जोड़ने का वादा किया। व्हाट्सएप कॉल के जरिए आरोपी ने शिकायतकर्ता को अपनी मोबाइल स्क्रीन साझा करने के लिए कहा और धोखे से उसके खातों से 15 लाख रुपये निकाल लिए।

पुलिस तकनीकी विश्लेषण और धन के लेन-देन की ट्रैकिंग के जरिए जांच जामताड़ा तक पहुंची। मोबाइल नंबर और आईपी पते के विश्लेषण से आरोपी का स्थान पक्का हुआ और जामताड़ा में छापेमारी की योजना बनाई गई। संदिग्ध की इंटरनेट गतिविधियों पर निरंतर निगरानी के बाद छापेमारी सफल रही और सनाउल मियां को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने उसके कब्जे से दो स्मार्टफोन बरामद किए हैं, जिनमें ठगी से संबंधित चैट, रिकॉर्डिंग, बैंकिंग क्रेडेंशियल्स के स्क्रीनशॉट और अन्य सबूत मिले हैं। सनाउल ने बताया कि वह अपने साथी वसीम उर्फ पचु के साथ मिलकर साइबर ठगी को अंजाम देता था।

पुलिस जल्द ही सह-अभियुक्त वसीम को भी गिरफ्तार करने की उम्मीद कर रही है। पुलिस का कहना है कि ये दोनों आरोपी टेलीग्राम चैनलों के जरिए बैंक खाते जुटाते थे और व्हाट्सएप कॉल के जरिए स्क्रीन साझा करवाकर ठगी करते थे।

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