- फर्जी KYC के नाम पर करोड़ों की ठगी, दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने जामताड़ा में दो दिन तक रेकी कर तीन आरोपियों को दबोचा
नई दिल्ली/जामताड़ा : दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने झारखंड के जामताड़ा से संचालित एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह देशभर में फर्जी KYC अपडेट के नाम पर लोगों से ठगी करता था। गिरोह की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम मुजफ्फर जिलानी, आफताब अंसारी और मोहम्मद इकबाल रजा हैं, जो जामताड़ा के रहने वाले हैं।
पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने दिल्ली के पालम निवासी के.सी. बर्थवाल से करीब 10.95 लाख रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया। गिरोह के सदस्य खुद को एसबीआई क्रेडिट कार्ड विभाग का अधिकारी बताकर फोन करते थे और यह कहकर डराते थे कि आपके कार्ड से पैसा कट चुका है।
ऐसे की जाती थी ठगी
अप्रैल माह में पीड़ित के.सी. बर्थवाल को एक फोन कॉल आया, जिसमें खुद को एसबीआई अधिकारी बताते हुए यह कहा गया कि उनके कार्ड से ₹588.82 डेबिट हो चुके हैं। कॉल करने वाले ने उन्हें एक लिंक भेजा और कहा कि तुरंत KYC अपडेट करना होगा, वरना कार्ड बंद हो जाएगा।
डर और भ्रम में आकर पीड़ित ने उस लिंक पर क्लिक कर दिया और अपनी क्रेडिट कार्ड डिटेल्स व ओटीपी साझा कर दी। अगले कुछ दिनों में उनके खाते से कुल ₹10.95 लाख रुपये की अवैध निकासी हो गई।
जामताड़ा में छापेमारी के बाद गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी अमित के अनुसार, ठगी की शिकायत मिलने पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। टीम ने जामताड़ा पहुंचकर दो दिन तक लगातार रेकी की और स्थानीय वेशभूषा में रहकर आरोपियों की पहचान की।
इसके बाद मुजफ्फर जिलानी और आफताब अंसारी को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरे आरोपी मोहम्मद इकबाल रजा को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह केवल एक ही केस में नहीं, बल्कि देशभर के सैकड़ों लोगों को इसी तरह KYC अपडेट के नाम पर शिकार बना चुका है। इनके पास से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंक खाते की डिटेल्स और अन्य डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं।
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