- राज्य सरकार ने उठाया सख्त कदम, आरोपियों के खिलाफ विभागीय जांच होगी तेज
Ranchi (Jharkhand): झारखंड सरकार ने प्रशासन में शुचिता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। यह आदेश झारखंड सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के तहत जारी किया गया है। जिन अधिकारियों के विरुद्ध यह कार्रवाई की जा रही है, उनमें सतीश चंद्र झा, विवेक कुमार मेहता और संजय कुमार सिंह शामिल हैं।
भूमि अधिग्रहण में अनियमितता के आरोप में सतीश चंद्र झा पर कार्रवाई
सतीश चंद्र झा, जो कोटि क्रमांक-802A/03 के अधिकारी हैं और उस समय हजारीबाग के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के पद पर तैनात थे, पर भूमि अधिग्रहण में गंभीर अनियमितता बरतने का आरोप है। सरकार ने उनके खिलाफ दाखिल आरोप पत्र की विभागीय स्तर पर गहन जांच कराने का निर्णय लिया है।
अनुशासनहीनता के आरोप में विवेक कुमार मेहता पर शिकंजा
विवेक कुमार मेहता, जिनका कोटि क्रमांक-313/20 है और जो तत्कालीन अंचल अधिकारी, बरही (हजारीबाग) के पद पर कार्यरत थे, उनके खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है। उन पर झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के नियम-17 के तहत अनुशासनहीनता और कदाचार के गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच का आदेश जारी कर दिया गया है।
संजय कुमार सिंह भी लपेटे में, सरकारी नियमों के उल्लंघन का आरोप
संजय कुमार सिंह, जो कोटि क्रमांक-434/20 (द्वितीय सीमित बैच) के अधिकारी हैं और तत्कालीन अंचल अधिकारी, बरही (हजारीबाग) के पद पर कार्यरत थे, पर भी गाज गिरी है। उनके खिलाफ भी सरकारी सेवक नियमावली के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार का कदम
इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने एक संकल्प जारी कर इन विभागीय कार्रवाइयों को संज्ञान में लिया है। राज्य सरकार की इस पहल को प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का यह सख्त रवैया भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता या कदाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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