रांची : झारखंड हाई कोर्ट में जज और वकील के बीचविवाद का मामला गहराता जा रहा है। अदालत ने अधिवक्ता महेश तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया है, जिसका जवाब उनसे तीन सप्ताह के भीतर देने के निर्देश दिया गया है।

पांच जजों की पूर्ण पीठ में हुई सुनवाई
शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की। इस बेंच में जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस राजेश शंकर शामिल थे। पीठ ने अधिवक्ता से पूछा कि आखिर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
दरअसल विवाद तब शुरू हुआ जब गुरुवार को जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता महेश तिवारी और जज के बीच बहस हो गई। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद हाईकोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा।
अधिवक्ता का जवाब – नहीं जताया पछतावा
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने जब अधिवक्ता महेश तिवारी से इस पूरे विवाद पर स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने पूरी समझदारी में यह बातें कही थीं और उन्हें इस बात का बिल्कुल भी पछतावा नहीं है।
अगली सुनवाई 11 नवंबर को
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख तय की है। इससे पहले भी एक अधिवक्ता पर अवमानना की कार्रवाई की गई थी, लेकिन माफी मांगने पर कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी, लेकिन इस बार अदालत कड़ा रूख अपना रही है।