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Jharkhand: पेड़ के नीचे खेल रही बच्चियों पर कुदरत का कहर, चार बच्चियां गंभीर रूप से घायल

बच्चियां एक पुराने पीपल पेड़ के नीचे खेल रही थीं। इसी दौरान बिजली सीधे उसी पेड़ पर गिर गई, जिसके नीचे बच्चियां मौजूद थीं।

by Reeta Rai Sagar
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गढ़वा– गढ़वा जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत कल्याणपुर गांव में बुधवार दोपहर को तेज बारिश के साथ गिरी आकाशीय बिजली ने गांव में दहशत फैला दी। वज्रपात की चपेट में आकर गांव की चार मासूम बच्चियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। सभी घायलों को तुरंत गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इनमें से एक बच्ची की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

घायल बच्चियों की पहचान
घटना में घायल हुई बच्चियों की पहचान कल्याणपुर गांव के निवासी अंतू विश्वकर्मा की 7 वर्षीय पुत्री सुमन कुमारी, सुनील विश्वकर्मा की 6 वर्षीय पुत्री रूपा कुमारी, 10 वर्षीय रेणु कुमारी और 12 वर्षीय रूबी कुमारी के रूप में हुई है।

पीपल के पेड़ के नीचे खेल रही थीं बच्चियां

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सभी बच्चियां गांव से लगभग 200 मीटर दूर एक पुराने पीपल पेड़ के नीचे खेल रही थीं। दोपहर में अचानक मौसम बदला और तेज बारिश के साथ गरज-चमक शुरू हो गई। इसी दौरान बिजली सीधे उसी पीपल के पेड़ पर गिर गई, जिसके नीचे बच्चियां मौजूद थीं।

वज्रपात से बच्चियां बेहोश होकर गिरीं
बिजली गिरने के बाद चारों बच्चियां बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ीं। आसपास के ग्रामीणों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर परिजनों की सहायता से बच्चियों को गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने बताया कि सभी को प्राथमिक उपचार दिया गया है, लेकिन 10 वर्षीय रेणु कुमारी की स्थिति बेहद गंभीर है और उसे विशेष निगरानी में रखा गया है।

ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं गांव में मातम और भय का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।

विशेषज्ञों की चेतावनी: बारिश में पेड़ के नीचे न खड़े हों
मौसम विशेषज्ञों ने इस घटना के बाद लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि बारिश या गरज-चमक के दौरान पेड़ों के नीचे खड़ा होना बेहद खतरनाक हो सकता है। ऐसे समय में खुले स्थानों से बचना और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना चाहिए।

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