रांची : झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग ठाकुर ने हाल ही में अपने महकमे के अधिकारियों व जवानों को जनता के साथ हर हाल में बेहतर व्यवहार करने का निर्देश दिया है। वहीं दुर्व्यवहार के आरोप में सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल थाना प्रभारी को निलंबित भी कर चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि अपने इस निर्देश को लेकर वे अत्यंत ही गंभीर हैं। बावजूद राज्य में पुलिस पदाधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार की कुछेक घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। चांडिल के बाद अब राजधानी रांची के सुखदेवनगर में इस तरह का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में एक महिला ने सुखदेवनगर थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही रांची एसएसपी से इसकी शिकायत की है। थाना प्रभारी पर महिला ने घर में घुसकर गाली-गलौज और महिलाओं के साथ बदसलूकी करने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला ने शनिवार को रांची के एसएसपी से इस संबंध में शिकायत की और इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, डीजीपी और अल्पसंख्यक आयोग को भी भेजी है।
शिकायतकर्ता परविंदर कौर कहा है कि थाना प्रभारी और उनके सहकर्मी नशे में धुत थे। 19 दिसंबर की रात करीब 11 बजे उसके घर के गेट पर जोर से दस्तक दी गयी। उन्होंने दरवाजा खोला, तो देखा कि सुखदेवनगर थाना प्रभारी मनोज कुमार व उनके सहकर्मी और विनीत खत्री नामक व्यक्ति नशे की हालत में उनके दरवाजे पर खड़े थे। देखते ही देखते वे घर में घुस आए। महिला ने आरोप लगाया है कि उन्होंने उसके साथ गाली-गलौज की और उसके पति, देवर, तथा छोटी बहन के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस दौरान विनीत खत्री ने महिला के साथ छेड़छाड़ भी की। महिला का यह भी कहना है कि थाना प्रभारी और उनके साथियों ने उनके पति और देवर की पगड़ी भी खींचकर फेंक दी।
वीडियो उपलब्ध कराया
महिला ने अपनी शिकायत के साथ घटना का वीडियो फुटेज भी एसएसपी के पास जमा किया है। उन्होंने बताया है कि यह विवाद विनीत खत्री की बहन अरतीका खत्री द्वारा 29 अप्रैल को सुखदेवनगर थाना में उनके पति और ससुर के खिलाफ दर्ज कराए गए एक मामले से जुड़ा हुआ था। महिला ने बताया है कि उनके पति और ससुर को रांची न्यायालय से 29 मई को जमानत मिल गई थी और जमानत के कागजात वह पहले ही थाना में जमा कर चुकी थीं। बावजूद 19 दिसंबर की रात थाना प्रभारी और उनके साथियों ने घर में घुसकर ऐसा किया।
सख्त कार्रवाई की मांग
महिला ने एसएसपी से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के व्यवहार से न सिर्फ उनके परिवार की प्रतिष्ठा का हनन हुआ है, बल्कि कानून और व्यवस्था की भी बुरी तरह से अवहेलना की गई है।