Ranchi: झारखंड सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने की ओऱ एक और कदम बढ़ाया है। झारखंड में पर्यटन क्षेत्र को नई उड़ान देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तीन बड़ी परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है। इन परियोजनाओं में गिरिडीह और दुमका जिलों में चिड़ियाघर तथा लातेहार के पुतवागढ़ संरक्षित वन क्षेत्र में टाइगर सफारी की स्थापना शामिल है।
Giridih: 396 हेक्टेयर में बनेगा आधुनिक चिड़ियाघर
गिरिडीह जिले की विभिन्न मौजा में 396.22 हेक्टेयर भूमि पर चिड़ियाघर के निर्माण को मंजूरी दी गई है। यह चिड़ियाघर न केवल झारखंड के वन्यजीवों को संरक्षित करने का काम करेगा, बल्कि यहां पर्यटकों के आगमन से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। साथ ही, क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
Dumka: हिजला क्षेत्र में विकसित होगा वन्यजीव केंद्र
हिजला पश्चिमी वन क्षेत्र अंतर्गत 116.35 हेक्टेयर वन भूमि पर एक और चिड़ियाघर स्थापित किया जाएगा। इससे दुमका जिले में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। यह वन क्षेत्र वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बनेगा।
Latehar: पुतवागढ़ में शुरू होगी टाइगर सफारी
झारखंड के लातेहार जिले के पुतवागढ़ संरक्षित वन क्षेत्र में 150 हेक्टेयर भूमि पर टाइगर सफारी की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। यह सफारी पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।
• मनोरंजन के साथ-साथ यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का एक बड़ा माध्यम बनेगी।
• यह पहल राज्य में वन्यजीव संरक्षण और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।
पर्यटन से मिलेगा स्थानीय विकास को बल
इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य केवल पर्यटन बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि यह स्थानीय युवाओं के लिए स्थायी आजीविका का साधन भी बनेंगे।
• होटल, गाइड, परिवहन, हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी।
• इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी।
गिरिडीह, दुमका और लातेहार में चिड़ियाघर और टाइगर सफारी जैसी परियोजनाएं झारखंड के पर्यटन मानचित्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देंगी। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह स्थान आकर्षण का केंद्र बनेंगे, वहीं स्थानीय लोगों को आजीविका का नया अवसर मिलेगा।