Ranchi (Jharkhand) : झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) नियुक्ति घोटाला मामले में नामजद चार बड़े अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले में पुलिस अधिकारी विकास पांडेय और अरविंद सिंह, तथा प्रशासनिक अधिकारी कुमुद कुमार और संगीता कुमारी आरोपी हैं, जिन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान, बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत से अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय मांगा। अदालत ने बचाव पक्ष के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 मई निर्धारित कर दी है। इसका मतलब है कि इन चार अधिकारियों को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली है और उन्हें अगली सुनवाई तक इंतजार करना होगा।
सीबीआई कोर्ट का सख्त रुख, हाईकोर्ट से मिली कुछ को राहत
गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत इस बहुचर्चित नियुक्ति घोटाले से जुड़े कई अन्य आरोपियों को पहले भी अग्रिम जमानत देने से इनकार कर चुकी है। अदालत इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए काफी सख्त रुख अपनाए हुए है। हालांकि, कुछ आरोपियों को झारखंड उच्च न्यायालय से जरूर राहत मिल चुकी है, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है।
जेपीएससी नियुक्ति घोटाला झारखंड के सबसे बड़े भर्ती घोटालों में से एक है, जिसमें कई उच्च पदों पर नियुक्तियों में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सीबीआई इस मामले की गहन जांच कर रही है और कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, क्योंकि यह तय करेगा कि इन चार आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तारी से राहत मिलती है या नहीं।

