Home » झारखंड के इस अस्पताल में नहीं है कैश काउंटर, बिना खर्च जन्मे 400 से अधिक बच्चे

झारखंड के इस अस्पताल में नहीं है कैश काउंटर, बिना खर्च जन्मे 400 से अधिक बच्चे

by Rakesh Pandey
kantilal Memorial hospital
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

 

हेल्थ डेस्क। जमशेदपुर : झारखंड के इस अस्पताल में कैश काउंटर नहीं है। यहां जांच से लेकर इलाज तक सबकुछ मुफ्त होता है। जी हां। सही सुना आपने। जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित Kantilal Memorial Hospital  में श्री सत्य साईं संजीवनी ट्रस्ट की ओर से इस अस्पताल की शुरुआत बीते साल हुई थी।

Kantilal Memorial Hospital

 

अब इस अस्पताल (Kantilal Memorial Hospital) को संचालित होते एक साल पूरा हो गया है। इस मौके पर यहां एक और नई सुविधाओं की शुरुआत की गई। साथ ही एक महत्वपूर्ण कैंपेन लांच की गई। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर के एसडीओ पीयूष सिन्हा उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के द्वारा किए जा रहे कार्य काफी सराहनीय है। इस नेक कार्य में जिला प्रशासन उनके साथ खड़ी है। यहां न सिर्फ पूर्वी सिंहभूम बल्कि पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले के भी मरीज आते हैं। यहां पर सबकुछ निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। इसमें दवा से लेकर जांच, खाने-पीने व आने-जाने तक की सुविधाएं उपलब्ध होती है।

11 हजार 300 महिलाओं की हुई जांच:Kantilal Memorial Hospital

इस अस्पताल (Kantilal Memorial Hospital) में बीते एक साल में कुल 11 हजार 300 महिलाओं की जांच हुई है। वहीं, शिशु रोग विभाग के ओपीडी में 1300 से अधिक नवजात एवं बच्चे का चिकित्सा किया गया। जबकि 650 से अधिक गर्भवती महिलाएं को अल्ट्रासोनोग्राफी किया गया। वहीं, 410 शिशुओं का जन्म हुआ है। इसके अलावा 10 हजार 700 से अधिक मरीजों ने नेत्र चिकित्सा परामर्श हासिल किया है।

मारवाड़ी महिला मंच के सहयोग से लैब की स्थापना

श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल के पदाधिकारी रवि किरण श्रीपदा ने कहा कि अस्पताल में नए पैथोलाजी लैब की स्थापना झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन व मारवाड़ी महिला मंच के सहयोग से हो सका है। उन्होंने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि इस अस्पताल को आगे बढ़ाने के लिए शहर के समाजसेवी संस्थाएं सहयोग कर रही है।

‘स्त्री फॉर स्त्री’ कैंपेन लांच

रवि किरण श्रीपदा ने कहा कि श्री सत्य साई हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट- थ्री-एस थीम पर काम करता है। थ्री-एस से तात्पर्य सरकार, समाज और संस्था से है। ट्रस्ट का मानना है कि जब सरकार, समाज और संस्था एक मंच पर आ जाती है तो किसी भी मिशन को सफल बनाया जा सकता है। जमशेदपुर के इस अनोखे अस्पताल में आने वाले वर्षों में हमें कई और मील के पत्थर तय करने हैं। इसी के मद्देनजर स्वस्थ समाज की स्थापना के मकसद से ‘स्त्री फार स्त्री’ कैंपेन का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के तहत कोई भी सक्षम महिला किसी जरूरतमंद गर्भवती महिला के इलाज और प्रसव का खर्च उठाकर अपना सहयोग दे सकती हैं।

तीन नवजातों के दिल का मुंबई में हुआ आपरेशन

इस अस्पताल में जन्मे तीन नवजातों के दिल में छेद था। संस्था की ओर से तीनों नवजातों का मुंबई के अस्पताल में मुफ्त में आपरेशन करवाया गया। कदमा में सब्जी बेचने वाले मंटू लाल के बच्चे के दिल में जन्म से छेद था। दंपती ने सत्य साई अस्पताल में बच्चे का इलाज करवाया। इसके बाद दंपती को बच्चे के साथ मुंबई भेजा गया। इलाज, आने-जाने का खर्चा और रहना-खाना सब संस्था की ओर से मुफ्त था।

मंटू लाल ने बताया कि मैं पहली बार ट्रेन पर चढ़कर मुंबई गया। इससे पूर्व न तो ट्रेन पर सफर किया था और न ही मुंबई गया था। वहीं, अगर ये अस्पताल नहीं होता तो वे अपने बच्चे का इलाज नहीं करा पाते। गरीबों के लिए संजीवनी है ये अस्पताल। वहीं, अस्पताल के पदाधिकारियों ने बताया कि अगर कोई बच्चा हृदय रोग से ग्रस्त है तो वे यहां आकर संपर्क कर सकते हैं। उनका इलाज निश्शुल्क होता है।

 

 

 

 

 

 

READ ALSO: Covid cases update: फिर डरा रहा है कोरोना, 24 घंटे में मिले 752 नए मामले

Related Articles