मैसूर। Karnataka के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर जारी प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहनने और भोजन का चयन व्यक्तिगत मामला है। मैसूरु जिले के नंजनगुड में तीन पुलिस थानों के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी वोट बैंक की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।
सिद्धरमैया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कहते हैं सबका साथ, सबका विकास लेकिन टोपी, बुर्का पहनने वालों और दाढ़ी रखने वालों को दरकिनार कर देते हैं। क्या उनका यही मतलब है। जब भीड़ में से किसी ने हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री ने कहा कि नहीं (प्रतिबंध नहीं)। आप हिजाब पहन सकते हैं। मैंने (अधिकारियों को) निर्देश दिया है कि कल से कोई प्रतिबंध नहीं होगा। आप कुछ भी पहन और खा सकते हैं। नारेबाजी कर रही भीड़ के बीच सिद्धरमैया ने कहा कि आपकी पसंद आपकी है और मेरी पसंद मेरी है। यह बहुत आसान है। उन्होंने पूछा कि मैं धोती और कुर्ता पहनता हूं, और आप पैंट एवं शर्ट पहनते हैं। यह आपकी पसंद है। इसमें गलत क्या है।
हम बिना लोगों को बांटे समान रूप लागू कर रहे योजनाएं : सिद्धरमैया

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Karnataka में सरकार की पांच गारंटियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लाभ लोगों को उनकी भिन्न जाति, धर्म और पृथक राजनीतिक विचारधारा के बावजूद उपलब्ध है। उन्होंने कहा, “यहां तक कि भाजपा समर्थक भी लाभ उठा रहे हैं और बस में मुफ्त यात्रा कर रहे हैं। हम कभी भेदभाव नहीं करते। वर्ष 2022 में भाजपा के शासनकाल के दौरान राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
मुख्यमंत्री के निर्णय पर राजनीति शुरू: Karnataka
राज्य में हिजाब को लेकर राजनीति तेज हो गयी है। भाजपा नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। नेताओं ने कहा कि यह सरकार भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का काम कर रही है। हम किसी भी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी जो नीति है वो स्पष्ट है। सरकार की गलत नीतियों का विरोध लगातार जारी रहेगा।
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