जमशेदपुर : स्नान दान के पवित्र माह कार्तिक की शुरुआत 08 अक्टूबर से होगी। कार्तिक माह में कई तीज-त्योहार आएंगे। इस दौरान करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, देवउठनी एकादशी सहित कई त्योहारों की रौनक छाई रहेगी। स्नान-दान के साथ-साथ भगवान विष्णु की आराधना के लिए भी यह माह विशेष फलदायी माना जाता है। पवित्र कार्तिक माह की शुरुआत गुरुवार से होगी जो 05 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा तक रहेगा। यह माह फेस्टिवल सीजन का आखिरी माह है।

देवउठनी एकादशी से देवशयनी एकादशी के बीच चातुर्मास का यह आखिरी माह होता है। चातुर्मास के दौरान कई तीज-त्योहार आते हैं। देवप्रबोधिनी एकादशी के बाद बड़े पर्व-त्योहारों का सिलसिला थम जाएगा। इसके बाद जनवरी में मकर संक्रांति के साथ ही पर्वों की शुरुआत होगी।
दीपोत्सव की रहेगी धूम
कार्तिक माह में दीपोत्सव की धूम रहेगी। धनतेरस से भाईदूज तक पर्वों की रौनक छाई रहेगी। इसी प्रकार भोजपुरी समाज का छठ पर्व भी कार्तिक माह में ही आएगा। पं. विपिन झा का कहना है कि कार्तिक माह भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष फलदायी होता है। इस माह में साधना, आराधना, जप आदि करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस माह कार्तिक माहात्म्य की कथा करने का विधान है।

इसके साथ ही, इस माह में तीर्थ स्थलों पर स्नान दान करने का भी विशेष महत्व है। इस माह पवित्र नदियों में स्नान करने से आयुष्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस माह गौ पूजन का भी विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा और गोपाष्टमी के दिन गोमाता की पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है।

कार्तिक मास के पर्व-त्योहार
- 10 अक्टूबर : करवा चौथ
- 13 अक्टूबर : अहोई अष्टमी
- 17 अक्टूबर : रमा एकादशी
- 18 अक्टूबर : धनतेरस,
- 19 अक्टूबर : काली चौदस
- 20 अक्टूबर : दिवाली
- 22 अक्टूबर : गोवर्धन पूजा
- 23 अक्टूबर : भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा
- 25 अक्टूबर : छठ पर्व का नहाय-खाय
- 26 अक्टूबर : खरना
- 27 अक्टूबर : सूर्य देव को संध्याकाल का अर्घ्य
- 28 अक्टूबर : सुबह का अर्घ्य
- 30 अक्टूबर : गोपाष्टमी
- 31 अक्टूबर : अक्षय नवमी
- 01 नवंबर : देवउठनी एकादशी
- 02 नवंबर : तुलसी विवाह
- 05 नवंबर : देव-दिवाली

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