नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस से पहले राजधानी दिल्ली में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए गुरुवार को दूसरे दिन भी व्यापक मॉक ड्रिल (Anti-Terror Mock Drill) का आयोजन हुआ। कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर हुए अभ्यास में एनएसजी कमांडो हेलीकॉप्टर से उतरे और एक संदिग्ध वस्तु की सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया दी। अभ्यास का उद्देश्य किसी भी आतंकी हमले की स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों के आपसी समन्वय और आपात प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना था।
इस दो दिवसीय मॉक ड्रिल (Anti-Terror Mock Drill) में दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ, स्वाट और सीआईएसएफ की टीमें शामिल रहीं। 18 जुलाई को सुबह 10:30 बजे कश्मीरी गेट आईएसबीटी में संदिग्ध वस्तु मिलने की सूचना पर मॉक अलर्ट जारी किया गया। इसके बाद पूरे क्षेत्र को घेरकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। एनएसजी के कमांडो हेलीकॉप्टर से रोप के सहारे उतरते ही स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गए।
Anti-Terror Mock Drill : दिल्ली के इन प्रमुख स्थानों पर भी हुआ अभ्यास
18 जुलाई को आतंकवादी हमले, बम विस्फोट, बंधक स्थिति और भीड़ नियंत्रण जैसे विभिन्न परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए राजधानी के कई हिस्सों में ड्रिल की गई:
- पालिका बाज़ार, कनॉट प्लेस (11:30 बजे): भीड़भाड़ वाले इलाके में बम धमाके और भगदड़ की स्थिति का अनुकरण।
- जीटीबी मेट्रो स्टेशन (12:00 बजे) : मेट्रो परिसर में संदिग्ध विस्फोटक की सूचना पर दिल्ली मेट्रो और सीआईएसएफ की संयुक्त कार्यवाही।
- वेगास मॉल, द्वारका (1:15 बजे) : मॉल में आग लगने और बंधक बनाए जाने की स्थिति में दमकल और कमांडो बल की कार्रवाई।
- डीएलएफ एम्पोरियो मॉल, वसंत कुंज (2:30 बजे) : आतंकी हमले के सिमुलेशन के तहत स्पेशल टास्क फोर्स और क्विक रिस्पॉन्स यूनिट की कार्रवाई।
- हनुमान मंदिर, यमुना बाजार (11:45 बजे) : धार्मिक स्थल पर भीड़ नियंत्रण और आपात निकासी अभ्यास।
यह दो दिवसीय मॉक ड्रिल अभ्यास (Anti-Terror Mock Drill) 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और स्वतंत्रता दिवस को लेकर बढ़ी सुरक्षा आशंकाओं के मद्देनज़र आयोजित किया गया। दिल्ली सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के निर्देश पर पूरे शहर में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर ऐसी तैयारियां की जा रही हैं। इस व्यापक अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी अप्रत्याशित आतंकी खतरे की स्थिति में सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया त्वरित, समन्वित और प्रभावी हो। साथ ही, आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
Read Also: Lalu Prasad Yadav : लालू को झटका : SC ने नहीं दी राहत, ‘लैंड फॉर जॉब’ केस में ट्रायल जारी रहेगा