तिरुवनंतपुरम: Kerala New Name देश के दक्षिणी राज्य केरल का नाम जल्द बदलने वाला है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य का नाम बदलने के लिए बुधवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। यह पारित हो गया है। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद राज्य का नाम बदल जाएगा। सीएम पिनाराई ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘नियम 118 के तहत इस सदन में एक प्रस्ताव पेश कर रही है। केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में हमारे राज्य का आधिकारिक नाम केरल को बदलकर ‘केरलम’ किया जाए। तर्क दिया गया है कि यह नाम ही यहां की पहचान और इसकी संस्कृतिक से जुड़ा हुआ है। जैसे ही केंद्र सरकार इस पर अपनी मुहर लगाएगी, राज्य के नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
कैसे पारित हुआ केरल का नाम बदलने का प्रस्ताव:
राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव लेफ्ट सरकार की ओर से लाया गया। इसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हैरान करने वाली बात यह कि राज्य में विपक्षी गठबंधन यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) ने इस प्रस्ताव को बिना किसी संशोधन या बदलाव के स्वीकार्य कर लिया ।
मलयालम भाषा का शब्द है केरलम:
नए नाम के बारे में जानकारी देते हुए सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि यह नाम कोई नया नहीं है। हमारी मलयालम भाषा में इसे ‘केरलम’ कहा जाता है जबकि अन्य भाषाओं में इसे केरल कहा जाता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केरल में वैश्विक स्तर पर एक नवंबर से ‘केरलीयम’ मनाया जाएगा।
जानिए कैसे पड़ा इस राज्य का नाम केरल:
केरल के नाम को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ‘केरलम’ नाम ‘केरा’ शब्द से आया है,जिसका अर्थ नारियल का पेड़ होता है। इस राज्य की पहचान भी यही रही है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान परशुराम ने समुद्र से भूमि फिर से हासिल की थी, इसलिए पहले ‘चेरना-आलम’ नाम अस्तित्व में आया। बाद में इसका नाम केरलम हो गया। केरलम नाम से केरल प्रचलन में आ गया।