रांची/खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड में शुक्रवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों पर कहर बरपा दिया। कर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत लोधमा, मुरहू और आसपास के गांवों में गोभी, लौकी, भिंडी, मिर्च, खीरा, तरबूज और टमाटर जैसी सब्जियों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं। खेतों में लगी सब्जियों पर ओले इस कदर गिरे कि दो एकड़ भूमि में करीब ₹2 लाख का नुकसान दर्ज किया गया है।
ओलावृष्टि से झारखंड में फसलें चौपट : Hailstorm Damage in Jharkhand Agriculture
किसानों ने बताया कि बीते कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और अचानक हुई ओलावृष्टि ने उनके खेतों की फसलों को नष्ट कर दिया। खासतौर पर सब्जी की खेती करने वाले छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को पूंजी और मेहनत दोनों का भारी नुकसान झेलना पड़ा है। एक किसान ने बताया कि खेत की जुताई, बीज, खाद, सिंचाई सहित कुल एक लाख रुपये का निवेश किया गया था, लेकिन अब सब कुछ बर्बाद हो गया।
खेती छोड़ चरागाह बना खेत : Crops Damaged, Cattle Grazing in Fields
खराब सब्जियों की बिक्री न होने और खेत में बची फसल के सड़ने के बाद किसान निराश हैं। कई जगहों पर किसान अपने ही मवेशियों को खेतों में चराने को मजबूर हो गए हैं। स्थानीय किसानों ने बताया कि फसल की उचित कीमत तो दूर, अब तो बिक्री लायक फसल बची ही नहीं। सब्जी मंडियों में खराब सब्जी औने-पौने दाम पर बिक रही है, जिससे उत्पादन लागत भी नहीं निकल पा रही।
प्राकृतिक आपदा से टूटा किसानों का मनोबल : Farmers Facing Psychological and Financial Stress
किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। ओलावृष्टि की इस प्राकृतिक आपदा ने केवल फसलें नहीं, बल्कि किसानों की आशा और आत्मबल को भी प्रभावित किया है। कई किसान अब अगली फसल की तैयारी करने में भी असमर्थ महसूस कर रहे हैं।
कृषि विभाग से राहत की उम्मीद : Farmers Await Government Compensation
अब स्थानीय किसान राज्य सरकार और कृषि विभाग से नुकसान के आंकलन के बाद राहत और मुआवजे की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा अभी तक नुकसान का सर्वे शुरू नहीं किया गया है, जिससे किसान और अधिक चिंतित हैं।