Home » ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट और राशन लेकर किसानों का दिल्ली कूच, रोकने में जुटी सरकार

ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट और राशन लेकर किसानों का दिल्ली कूच, रोकने में जुटी सरकार

by The Photon News Desk
Kisan Andolan
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली। Kisan Andolan : पंजाब के किसान विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के तरफ बढ़ रहे हैं। किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पंजाब हरियाणा बार्डर पर पुलिस आंसू गैस के गोले दाग रही है। किसान फ़सलों के लिए एमएसपी की गारंटी समेत अन्य मांग कर रहे हैं। किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किये है।

ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट, राशन और अन्य सामान भर कर निकले है किसान

आंदोलन पिछले बार से भी ज्यादा बड़ा और असरदार हो, इसके लिए पंजाब के किसान प्रदेश के विभिन्न इलाकों से दिल्ली जा रहे है। संगरूर, बरनाला, अमृतसर से 2 हजार ट्रैक्टर ट्रॉलियों में किसान इस आंदोलन में शामिल होने जा रहे है। किसान शंभू बॉर्डर पर आ गये है। यहां किसानों और पुलिस के बीच टकराव हो रही है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने ड्रोन का सहारा लिया है।

ड्रोन की मदद से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे है। वहीं किसान बैरिकेडिंग को तोड़ रहे किसानों को रोकने के हरियाणा सरकार ने काफी सुरक्षा व्यवस्था की है। हर जगह नाके बंदी की है। अंबाला का शंभू बॉर्डर पर ही किसानों रोकने कर कोशिश है, अगर किसान इसे पार कर जाते है तो उन्हें आगे भी रोका जायेगा।

Kisan Andolan- बड़े चेहरे है गायब

हजारों के संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर गये है। लेकिन इस बार किसानों के प्रदर्शन में किसानों के बड़े नेता जो 2020 के किसानों के आंदोलन में बड़ा चेहरा थे वे भाग नहीं ले रहे है। वह चेहरा राकेश टिकैत का है, जिनकी अपील पर पश्चिम यूपी, हरियाणा के हजारों किसानों ने गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर 2020 में आंदोलन कर रहे थे। लेकिन इस बार उन्होंने आंदोलन से दूरी बना ली है।

इसी तरह गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी किसान आंदोलन से दूरी बनायी है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी), भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) ने इस बार किसानों के आंदोलन से दूरी बनायी है। यह संगठन का प्रभाव यूपी औऱ हरियाणा के दिल्ली बार्डर पर ज्यादा है। इन संगठन के शामिल नहीं होने के कारण दिल्ली में अभी आंदोलन का असर नहीं दिख रहा है।

Kisan Andolan- किसानों की यह मांगें

• स्वामीनाथन कमीशन रिपोर्ट लागू हो
• एमएसपी खरीद की गारंटी देने औऱ इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करने की मांग
• किसानी की लागत पर 50 फीसदी फायदा देने की मांग
• कर्ज माफ करने की मांग
• आंदोलन में जो केस किसानों पर दर्ज हुए उसे वापस करने की मांग
• मनरेगा में 200 दिन काम देने और दिहाड़ी बढ़ाकर 700 रुपये की जाये।

 

READ ALSO : बंगाल के मनरेगा श्रमिकों की पीड़ा पर राहुल गांधी ने पीएम को लिखा पत्र, जानिए राहुल ने पत्र में क्या लिखा?

Related Articles