कोडरमा : झारखंड के कोडरमा जिले में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते दो महीनों में चार लोगों की जान जा चुकी है, जबकि किसानों की फसलें और घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। ताजा घटना जयनगर थाना क्षेत्र के पिसपीरो गांव की है, जहां रविवार सुबह 55 वर्षीय रविंद्र यादव उर्फ नन्हकू यादव को हाथी ने मौत के घाट उतार दिया।
Koderma News : शौच के लिए निकले थे, हाथी ने घेर लिया
ग्रामीणों के अनुसार रविंद्र यादव सुबह गांव के अन्य लोगों के साथ शौच के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे गए थे। तभी यदुडीह हॉल्ट के पास उन्हें एक हाथी ने घेर लिया। जब तक वे वहां से भाग पाते, हाथी ने उन्हें सूंढ़ से पटककर पैरों से कुचल दिया। आसपास के ग्रामीणों ने शोर मचाकर झुंड को भगाया, लेकिन तब तक नन्हकू यादव की मौत हो चुकी थी।
पहले भी हो चुकी हैं मौतें
इससे पूर्व भी जयनगर और मरकच्चो थाना क्षेत्र में तीन अन्य लोग हाथियों के हमले में मारे जा चुके हैं। हाथियों का झुंड इन इलाकों में लगातार घूम रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वह हमेशा इस खौफ में रहते हैं कि न जाने कब किधर से हाथियों के हमले का सामना करना पड़ जाए।
Koderma News : वन विभाग के प्रति आक्रोश, मुआवजे की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने शव के साथ गांव में धरना दे दिया और वन विभाग से उचित मुआवजे की मांग की। वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी रविंद्र कुमार और जयनगर पुलिस मौके पर पहुंचे। रेंजर रविंद्र कुमार ने बताया कि मृतक के परिजनों को तत्काल 25,000 रुपये की सहायता राशि दी गई है। कुल 4 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है, शेष राशि कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी जाएगी।
क्या कहता है वन अधिनियम?
झारखंड में वन्य जीवों से हुई मौत की स्थिति में वन विभाग द्वारा 4 लाख रुपये तक की मुआवजा राशि दी जाती है। मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया लंबी होती है, जिससे पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत नहीं मिलती। ग्रामीणों में जागरूकता की कमी के कारण भी समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं।
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