Chaibasa (Jharkhand) : एक समय कोल्हान क्षेत्र की शैक्षणिक रीढ़ माने जाने वाला कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) अब अपनी पहचान और उद्देश्यों से भटकता नजर आ रहा है। एंटी करप्शन ऑफ इंडिया के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामहरि गोप ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय का संचालन केवल फोन कॉल और वीडियो कॉल के भरोसे चल रहा है, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है।
रामहरि गोप ने मंगलवार को पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त चंदन कुमार को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्यालय चाईबासा में होने के बावजूद कुलपति अपने आलीशान आवास में नहीं रहती हैं। उनके साथ-साथ डीन, रजिस्ट्रार, वित्त पदाधिकारी और विभागाध्यक्ष जैसे शीर्ष अधिकारी भी मुख्यालय से नदारद रहते हैं।
छात्रों का भविष्य को लेकर चिंता
गोप ने आरोप लगाया कि शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण विश्वविद्यालय का मुख्यालय लगभग वीरान पड़ा है। प्रवक्ता की गैर-मौजूदगी से छात्रों, शोधार्थियों और मीडिया को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसका सबसे बड़ा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि लगभग सभी शैक्षणिक सत्र बेतहाशा विलंबित हैं।
कला स्नातक, विज्ञान स्नातक, वाणिज्य स्नातक, नर्सिंग, बीएड और स्नातकोत्तर सहित सभी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं और परिणाम महीनों से लटके हुए हैं। इससे छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ रहे हैं और उनका भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है। छात्र कहते हैं कि वे मेहनत से पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय की लापरवाही उनके करियर को बर्बाद कर रही है।
अभिभावकों ने जताई नाराजगी
इस स्थिति से अभिभावक भी बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि वे कर्ज लेकर अपने बच्चों की फीस भरते हैं, लेकिन बदले में विश्वविद्यालय केवल वादे और देरी दे रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही हाल रहा तो कोल्हान के बच्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा। ज्ञापन के माध्यम से रामहरि गोप ने मांग की है कि कुलपति समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मुख्यालय में रहकर कार्य करें, लंबित सत्रों को पूरा करने के लिए रोडमैप बनाया जाए और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।