रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ जिले का कुजू क्षेत्र अपराधियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। यहां के घने जंगलों में अपराधी शरण लेते हैं और रंगदारी वसूलने के साथ-साथ अन्य अपराध भी करते हैं। पुलिस जब इन अपराधियों का पीछा करती है, तो वे भागकर इन जंगलों और झाड़ियों में छुप जाते हैं। अंधेरे का फायदा उठाकर ये अपराधी बोकारो और हजारीबाग जिलों में प्रवेश कर जाते हैं। हालांकि, इस बार हजारीबाग और रामगढ़ पुलिस पहले से ही सतर्क थी और अपराधियों का पीछा करती रही। जब अपराधी पुलिस को पीछे हटाने के लिए गोलियां चला रहे थे, तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई जारी रखी और अपराधियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।
2019 में हुआ था कुख्यात अपराधी बाजीराम महतो का एनकाउंटर
कुजू ओपी क्षेत्र में राहुल तुरी से पहले झारखंड का कुख्यात अपराधी बाजीराम महतो भी पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया था। यह एनकाउंटर 27 फरवरी 2019 को हुआ था, जब रामगढ़ के तत्कालीन एसपी निधि द्विवेदी के नेतृत्व में पुलिस ने एक बड़ा अभियान चलाया। पुलिस ने बाजीराम महतो को सुगिया के जंगलों में घेर लिया था। जैसे ही उसने पुलिस पर फायरिंग की, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। यह रामगढ़ जिले का पहला एनकाउंटर था, जिससे अपराधियों में दहशत का माहौल बन गया।
बाजीराम महतो कई गंभीर अपराधों में शामिल था और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलता था। उसने मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के रिश्तेदार जलेश्वर महतो का भी अपहरण किया था। पुलिस के लिए वह एक बड़ी चुनौती था, लेकिन एसपी निधि द्विवेदी की सख्त कार्रवाई के बाद उसे जंगलों में घेर लिया गया और एनकाउंटर में मारा गया।
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