पटना/ Lalu Prasad : बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, नीतीश कुमार फिर पलटी मारने जा रहे हैं। बता दें कि शनिवार शाम नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफा दे चुके हैं और रविवार को बीजेपी के साथ मिलकर आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे।
इसी बीच दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 9 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है।
ED ने दाखिल की है 4,751 पेज की चार्जशीट
ईडी ने इस मामले में 4,751 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी, अमित कात्याल और दो कंपनियों एके इन्फोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट को आरोपी बनाया गया है।
Lalu Prasad : जमीन के बदले नौकरी का मामला
ईडी ने आरोप लगाया है कि लालू परिवार ने जमीन के बदले नौकरी देने के लिए रिश्वत ली थी। इस रिश्वत के बदले उन्होंने सात भूखंडों को कथित रूप से हासिल किया। इन भूखंडों को बाद में बेच दिया गया। इस चार्जशीट से लालू परिवार की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ गई हैं। अगर कोर्ट आरोपियों को दोषी ठहराता है तो उन्हें कड़ी सजा हो सकती है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
Lalu Prasad परिवार के खिलाफ ईडी की चार्जशीट से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। बिहार में सियासी घमासान के बीच यह चार्जशीट लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ा सकती है।
जानिए क्या है लैंड फॉर जॉब मामला
लैंड फॉर जॉब मामला 1995-96 का है। जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। उस समय रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला सामने आया था। ईडी ने इस मामले की जांच की और राबड़ी देवी, मीसा भारती और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
Lalu Prasad : क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि Lalu Prasad परिवार के खिलाफ ईडी की चार्जशीट से बिहार की राजनीति में हलचल मच सकती है। अगर कोर्ट आरोपियों को दोषी ठहराता है तो यह लालू परिवार के लिए बड़ा झटका होगा।
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