लातेहार : झारखंड के लातेहार जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था की घोर लापरवाही के कारण एक गंभीर रूप से घायल युवक की जान चली गई। समय पर सुविधा संपन्न एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण युवक की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सदर अस्पताल परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
तेज रफ्तार बस ने ली महिला की जान, दामाद को नहीं मिली एंबुलेंस
शनिवार को लातेहार जिला मुख्यालय में एक तेज रफ्तार यात्री बस ने मोटरसाइकिल सवार महिला सीतामणी देवी को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में महिला की बेटी अमिता देवी और दामाद रामप्रीत उरांव गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को लातेहार सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से रामप्रीत उरांव की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया।
बिना सुविधा वाली एंबुलेंस, ढाई घंटे अस्पताल में तड़पता रहा घायल युवक
परिजनों का आरोप है कि जो एंबुलेंस मुहैया कराई गई थी उसमें न ऑक्सीजन सिलेंडर था, न एसी और न ही अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं। परिजन और ग्रामीण दो से ढाई घंटे तक एक उचित एंबुलेंस के इंतजार में भटकते रहे। बाद में जब लोगों ने अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया, तब जाकर एक सुविधा संपन्न एंबुलेंस को बाहर निकाला गया, जिसे पहले अस्पताल में छिपाकर रखा गया था। इसी एंबुलेंस में रामप्रीत को रांची भेजा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन
रविवार को सैकड़ों ग्रामीण लातेहार सदर अस्पताल परिसर पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग और सिविल सर्जन के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप था कि गरीब मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती, जबकि अधिकारियों के लिए अलग से रिजर्व एंबुलेंस रखी जाती है। ग्रामीण रवींद्र उरांव ने कहा कि अगर समय पर उचित एंबुलेंस मिल जाती तो रामप्रीत उरांव की जान बच सकती थी। गरीबों के लिए भी मानवीय सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिए।
राजनीतिक नेताओं ने जताई नाराजगी
घटना को लेकर जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव और भाजपा नेता राकेश दुबे ने भी स्वास्थ्य विभाग की कड़ी आलोचना की। राकेश दुबे ने कहा कि ढाई घंटे तक मरीज को एंबुलेंस न मिलना अत्यंत निंदनीय है। यह सीधी लापरवाही है। अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो बड़ा आंदोलन होगा।
अंचलाधिकारी ने संभाला मोर्चा, परिजनों को दी सहायता
घटना की जानकारी मिलते ही अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो और थाना प्रभारी सुरेंद्र महतो मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को शांत कराया। अंचलाधिकारी ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी और आश्वासन दिया कि सभी एंबुलेंस को सुसज्जित किया जाएगा। साथ ही इस लापरवाही की जांच की बात कही गई है।