लातेहार : जिले के महुआडांड प्रखंड के संत जोसेफ चर्च में शुक्रवार को सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 36 जोड़ों ने इसाई धर्म की विधि-विधान से विवाह संस्कार ग्रहण किया। आयोजन को धार्मिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया।
मुख्य अनुष्ठान और विवाह संस्कार
संत जोसेफ चर्च में मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर जॉन तिर्की और फादर इमिल एक्का ने मिस्सा पूजा के साथ विवाह संस्कार संपन्न कराया। इसके साथ ही संत जेवियर चर्च गोठगांव, पकरी पाठ, साले, चेतमा और तुन्दटोली में भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन सभी चर्चों में पल्ली पुरोहितों ने ईसाई धर्म की परंपराओं के अनुसार जोड़ों को विवाह सूत्र में बांधने का कार्य किया।
सामाजिक और धार्मिक महत्व
विवाह संस्कार के दौरान जोड़ों को समाज और धर्म के नियमों के अनुसार जीवनयापन करने और एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी निभाने का अधिकार प्रदान किया गया। चर्च में पवित्र विवाह संस्कार के बाद सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया गया। विवाह समारोह के उपरांत सभी ने महाप्रसाद ग्रहण किया और पति-पत्नी के रूप में एक-दूसरे को स्वीकार किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव
चर्च परिसर में विवाह संस्कार के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महुआडांड के संत जोसेफ चर्च के हेड प्रचारक आनंद टोप्पो, सिस्टर स्वाति और महिला संघ काथलिक सभा के सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई। मिस्सा पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम ने आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
सामूहिक विवाह का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता और सामूहिकता को बढ़ावा देना था। सामूहिक विवाह कार्यक्रम न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के जोड़ों को समाज में सम्मानपूर्वक विवाह करने का अवसर प्रदान करता है।
स्थानीय समुदाय का समर्थन
इस आयोजन में स्थानीय समुदाय और काथलिक सभा के सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की। चर्च में आयोजित सामूहिक विवाह ने यह संदेश दिया कि समाज में सभी को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।