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Rourkela: रेल मंत्री जी! 30 साल से की जा रही मांग, सुन लें उत्तर भारत समन्वय समिति की आवाज

by Rakesh Pandey
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राउरकेला। ओडिशा के औद्योगिक शहर राउरकेला में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय रहते हैं। अक्सर इनका अपने-अपने गृह क्षेत्र आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में उत्तर भारत के लिए कई तरह की रेल सुविधाओं की मांग कई दशक से की जा रही है लेकिन उनकी मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। इससे उत्तर भारतीय लोगों में निराशा व्याप्त है।

सुन लें उत्तर भारत समन्वय समिति की आवाज

एक बार फिर राउरकेला की लगभग दस संस्थाओं ने मिलकर उत्तर भारतीय समन्वय समिति के बैनर तले एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगों को लोकतांत्रिक तरीके पूरा कराने की बीड़ा उठाया है। इन एकजुट संगठनों की ओर से उत्तर भारत समन्वय समिति के नेतृत्व में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के लिए एक ज्ञापन सौंपा है।

इन रेल सुविधाओ की मांगें हैं लंबित
उत्तर भारतीय लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जो मांगें लंबे समय से की जा रही हैं उनमें गोरखपुर हटिया मौर्या एक्स्प्रेस का हटिया से राउरकेला तक विस्तार, थावे-टाटा एक्सप्रेस का टाटा से राउरकेला तक विस्तार किए जाने की मांगें प्रमुख हैं। ये मांगें लगभग तीन दशक पुरानी हैं। इन मांगों के पीछे यह भी तर्क दिया जाता रहा है कि मांगें पूरी हो जाने पर रेलवे एवं यात्री दोनो के सहूलियत होगी। रेलवे को जहां यात्रियों की पर्याप्त उपलब्धता मिलेगी वहीं यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए सीधी रेल सुविधा प्राप्त होगी।

रेलवे पर लगाया जा रहा अनदेखी का आरोप
अभी तक उत्तर भारत के कई जगहों के लिए राउरकेला से सीधी रेल सेवा नहीं है। लोगों का कहना है कि रेल मंत्रालय की अनदेखी के कारण यह मामला लगभग तीन दशकों से झूल रहा है। इस संबंध में लोगों ने यह भी कहा कि राउरकेला संसदीय क्षेत्र के सभी 7 विधान सभा क्षेत्रों के विधायकों एवं क्षेत्रीय सांसद के समक्ष भी कई बार इन मांगों को रखा जा चुका है। इसके बावजूद इन मांगों को पूरा नहीं किया जाए तो आम आदमी के पास क्या विकल्प रह जाता है।

सुविधा नहीं देने के पीछे रेलवे ने बताए अलग-अलग कारण
लोगों व संगठनों की ओर कई बार इन मांगों को उठाया जा चुका है। रेलवे की ओर से हर बार अलग अलग कारण बताते हुए सुविधा प्रदान करने से पल्ला झाड़ लिया गया। निराश लोगों के मुंह से अब इस तरह की बातें सुनी जा रही हैं कि क्या ये वही भारतीय रेल है जो कभी यात्रियों के उचित मांगों पर अपने स्तर पर जांच-परख और विवेचना कर हल निकाल लेती थी।

ज्ञापन सौंपनेवालों में ये रहे शामिल
राउरकेला स्टेशन मैनेजर के मध्यम से केंद्रीय रेल मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधमंडल में राष्ट्रीय जन जागरण सेवा संघ के सचिव अरुण सिंह, उद्भव के सचिव, वेद प्रकाश तिवारी, कृष्णा सिंह, सुधीस मिश्रा, अजीत सिंह यादव, हरी शंकर शाह, राष्ट्रीय बिहारी समाज के सचिव पिंकू जयसवाल, बिहार समाज सेवा संघ के ओड़िशा अध्यक्ष सुमेर सिंह, अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के उपेन्द्र सिंह, भोजपुरी नवयुवक संघ के चंदन यादव, सम्मान ट्रस्ट के शिव शंकर शर्मा,उतर भारतीय महासंघ के सिद्धार्थ लोहानी, सचिदानंद शर्मा आदि।

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