Ranchi (Jharkhand) : झारखंड में डायन-बिसाही (Witchcraft) के नाम पर हो रहे जघन्य अपराधों पर झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) ने कड़ा संज्ञान लिया है। JHALSA के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने शुक्रवार को लोहरदगा जिला न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन को 8 अक्टूबर को हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में तत्काल कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया है।
यह दिल दहला देने वाली घटना पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग बरटोली गाँव में हुई, जहाँ जादू-टोना करने के कथित आरोप में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की कुल्हाड़ी और धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। मृतकों की पहचान लक्ष्मण नागेसिया, उनकी पत्नी बिफनी और उनके बेटे रामविलास के रूप में हुई है। न्यायमूर्ति प्रसाद ने लोहरदगा के प्रधान जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वे पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर हत्याओं में शामिल आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करें।
शोक संतप्त परिवार को 20 हजार रुपए अंतरिम मुआवजा
JHALSA के निर्देश पर प्रधान जिला न्यायाधीश ने तत्काल कार्रवाई करते हुए न्यायिक अधिकारियों की एक टीम गठित की। इस टीम ने तुरंत गाँव का दौरा किया और शोक संतप्त परिवार को 20 हजार रुपये का अंतरिम मुआवजा चेक सौंपा।
डायन-बिसाही के खिलाफ घर-घर जागरूकता अभियान का निर्देश
JHALSA ने केवल कानूनी कार्रवाई पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता पर भी जोर दिया है। न्यायमूर्ति प्रसाद ने लोहरदगा जिला न्यायाधीश को व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और डायन-बिसाही की कुप्रथा के खिलाफ घर-घर अभियान (Door-to-door campaign) शुरू करने का निर्देश दिया है।
पुलिस के अनुसार, इस घटना में जीवित बची एकमात्र महिला, मृतक लक्ष्मण की बहू सुखमणि ने पुलिस को मामले की सूचना दी। सुखमणि ने पुलिस को बताया कि उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया था और कुछ ग्रामीण कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियारों से लैस होकर जबरन उनके घर में घुस आए थे।