Deoghar (Jharkhand) : जिले के मधुपुर शहर के राजबाड़ी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक में पिछले 22 सितंबर को हुए डकैती कांड का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। पुलिस ने इस घटना में संलिप्त 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके पास से एक नकाब, एक देसी पिस्तौल, दो जिंदा गोली, दो एटीएम, नकद 5.50 लाख, एक कार और 10 मोबाइल फोन बरामद किया गया है। इससे पूर्व पुलिस ने एक बाइक बरामद की थी। जांच में पता चला था कि बाइक पटना से चोरी की गई थी।
गिरफ्तार आरोपितों में बिहार के वैशाली जिला के बिद्दुपुर थाना क्षेत्र स्थित भैरोपुर गांव निवासी विकास कुमार, गौतम कुमार, रोहित कुमार, वैशाली जिला के ही सदर थाना क्षेत्र का अदलपुर गांव निवासी सन्नी सिंह उर्फ सूरज कुमार सिंह, रितेश कुमार उर्फ छोटू, साेनू कुमार, आनंद राज उर्फ टुकटुक, वैशाली जिला के हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र स्थित एसडीओ रोड निवासी अन्नू सिंह उर्फ राहुल सिंह, वैशाली जिला के देसरी थाना क्षेत्र के देसरी गांव निवासी इंद्रजीत उर्फ कुंदन सिंह, उसी जिले के सदर थाना क्षेत्र के बलवा कुवारी गांव का विशाल उर्फ सिंह, गुदरीबाजार पोखरा मोहल्ला निवासी आकाश कुमार शामिल है। इनमें से गौतम कुमार और रोहित कुमार सगे भाई हैं।
एक गैंग ने रेकी की, दूसरे ने डकैती
पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि इस घटना को बहुत ही शातिर गिरोह ने अंजाम दिया था। इस कांड की रेकी एक गिरोह ने की और दूसरे ने घटना को अंजाम दिया। इस तरह पुलिस ने बैंक में घुसकर डकैती की घटना को अंजाम देने वाले छह आरोपियों में से तीन को पकड़ा है। इन आरोपियों में रोहित कुमार, आनंद राज उर्फ टुकटुक और रितेश कुमार उर्फ छोटू शामिल हैं। बताया जाता है कि पकड़े गए आरोपियों में से अन्नू सिंह उर्फ राहुल सिंह इस घटना का मास्टरमाइंड था।
पहले भी डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुका है यह गिरोह
वहीं इस गिरोह ने पहले भी बैंक, सोने चांदी की बड़ी दुकानों में डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया है। वहीं बिहार के हाजीपुर में हुए मुथूट फाइनेंस में हुए डकैती कांड में भी इनका हाथ रहा है। ये गिरोह कैश से भी ज्यादा सोने व चांदी लूटने पर फोकस करता था। ये घटनाओं को अंजाम देने से पहले उसकी पूरी साजिश रचते थे। इनका गिरोह बहुत ही बड़ा है। पकड़े गए आरोपियों में से कुछ ने गिरोह को पैसे से मदद की। कुछ ने घटना की रेकी की। कुछ का इस घटना से सीधा लेना देना नहीं था लेकिन उन्हें इसकी जानकारी हो गयी तो उन्होंने ब्लैक मेल कर पैसा खाया।
झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा, हरियाणा से जुड़े थे तार
इस घटना के तार झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा, हरियाणा से जुड़े हुए थे। इन जगहों पर छापेमारी कर इन 11 आरोपितों को पकड़ा गया है। एसपी सौरभ ने बताया कि 22 सितंबर को डकैती की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद एसडीपीओ मधुपुर सत्येन्द्र प्रसाद, एसडीपीओ सारठ रंजीत लकड़ा, एसडीपीओ देवघर अशोक कुमार सिंह व डीएसपी मुख्यालय वेंकटेश कुमार के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया था। घटना के बाद पुलिस के पास कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला था। लेकिन, टीम ने बेहतर अनुसंधान किया और गिरोह का पता चला। उसके बाद टीम ने झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा व हरियाणा के फरीदाबाद में छापेमारी कर इन आरोपितों को पकड़ा। आरोपितों की गिरफ्तारी में बिहार एसटीएफ, उत्तर प्रदेश, हरिणाण, गोवा पुलिस का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ।
वहीं झारखंड मुख्यालय से भी पूरा सहयोग प्राप्त हुआ। टीम वर्क के तहत इस मामले का उद्भेदन किया गया है। एसपी ने कहा कि इस मामले के अनुसंधान में जिले के लगभग हर वरीय पुलिस अधिकारी शामिल थे। कुछ ने सामने से काम किया तो कुछ ने पर्दे के पीछे से काम किया। पुलिस टीम ने काफी अच्छा काम किया है। इस मामले के अनुसंधान में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत तो किया ही जाएगा साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी पुरस्कृत किए जाने के लिए अनुशंसा की जाएगी। वहीं दूसरे प्रदेश की पुलिस टीम जिन्होंने सहयोग किया उन्हें भी पुरस्कृत करने के लिए उनके मुख्यालय को अनुशंसा की जाएगी।
देवघर में रहकर की थी रेकी
बैंक लूट की घटना को अंजाम देने वालों ने देवघर में रहकर रेकी की थी। वे यहां के होटलों व घरों में रहे थे। उन्होंने घटना को अंजाम देने व रेकी करने के लिए कार व बाइक का इस्तेमाल किया। उन्होंने देवघर में होटल में ठहरने के लिए फर्जी पहचान पत्र का प्रयोग किया था। एसपी ने कहा कि जिन होटल वालों की लापरवाही सामने आएगी उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यहां के सभी होटल, लाज, धर्मशाला वालों को निर्देश दिया है कि वे सभी ठहरने वालों का पहचान पत्र सही से लें। उनकी सही से जांच करें। इसकी सूचना पुलिस को दें। वहीं घर वाले अगर किसी किराएदार को रखते हैं, तो उसका पहचान पत्र लें। पुलिस को सूचित कर उनका पुलिस वेरिफिकेशन कराएं।
बुर्का उठते ही खुल गया भेद
बैंक डकैती करने आए एक अपराधी ने बुर्का पहन रखा था। पुलिस ने बुर्के पर से पर्दा उठा दिया है। पर्दा उठते ही भेद भी खुल गया है। बुर्के में जो अपराधी आया था उसका नाम रितेश कुमार उर्फ छोटू है। बताया गया कि उसे पूरी तरह से लड़की की तरह सजाया गया था। ऐसा लोगों को झांसा देने के लिए किया गया था। ताकि लोगों को लगे की इस घटना को अंजाम देने में शामिल अपराधियों में एक लड़की भी थी। शुरू में ऐसा लगा भी था। लेकिन, जांच के क्रम में पता चल गया था कि असल में बुर्के के पीछे एक मर्द छुपा हुआ था। पुलिस ने उक्त बुर्के को भी बरामद कर लिया है। वहीं पुलिस जांच में पता चला है कि इस घटना में एक से अधिक गिरोह शामिल थे। इनका कनेक्शन बिहार से है।
अभी कई और की है तलाश, नकदी व जेवर की खोज जारी
बैंक डकैती कांड में अपराधियों ने करीब 1.70 करोड़ नकद और 2200 ग्राम सोने का गहना लूट लिया था। अब पुलिस को लूटे गए पैसे व सोने के बारे में पता लगाना है। पुलिस को पैसा व गहना रिसिव करने वालों के बारे में पुख्ता सबूत हाथ लगा है। उनकी तलाश जारी है। पुलिस को अभी भी डकैती की घटना में सीधे तौर पर शामिल तीन अपराधियों के साथ ही आधा दर्जन से अधिक अपराधियों की तलाश है।
पुलिस को इस घटना में शामिल सभी आरोपियों की जानकारी मिल गयी है। अब पैसा, गहना की बरामदगी व कुछ अन्य की गिरफ्तारी बाकी है। एसपी ने बताया कि अपराधियों की तलाश जारी है। अगर कोई लोकल आरोपित के शामिल होने के बात अभी शामिल हुई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही है।
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