प्रयागराज : आगामी महाकुंभ मेला 2025 में श्रद्धालुओं को बेहतर मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करने के लिए गूगल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। वैश्विक डिजिटल दिग्गज Google ने महाकुंभ मेला क्षेत्र को अपनी नेविगेशन प्रणाली में एकीकृत करने का फैसला किया है। इस पहल के तहत, श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों, घाटों, अखाड़ों और संतों के आश्रमों का रास्ता जानने में अब कोई परेशानी नहीं होगी।
गूगल और मेला प्राधिकरण के बीच समझौता
गूगल ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत गूगल विशेष रूप से महाकुंभ के लिए एक नया नेविगेशन सिस्टम तैयार करेगा। यह सुविधा दिसंबर 2024 के अंत तक उपलब्ध हो सकती है, जिससे श्रद्धालु अपने स्मार्टफोन पर Google Maps का इस्तेमाल करके मेला क्षेत्र के भीतर सही दिशा में यात्रा कर सकेंगे।
गूगल के इस कदम से न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी विशेष लाभ होगा। महाकुंभ मेला जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, में लाखों लोग हिस्सा लेते हैं और इस भीड़-भाड़ के बीच मार्गदर्शन की सुविधा श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाएगी।
गूगल मैप्स और नेविगेशन
गूगल मैप्स ऐप का नेविगेशन सिस्टम श्रद्धालुओं को मोड़ दर मोड़ दिशा-निर्देश प्रदान करता है। यह टूल न केवल सड़क के मार्ग को दिखाता है, बल्कि प्रत्येक मोड़ पर मुड़ने का सही समय और स्थान भी बताता है। महाकुंभ में जहां बड़े पैमाने पर इकट्ठा होने वाली भीड़ के कारण दिशा-निर्देशों का पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, गूगल का यह नेविगेशन सिस्टम श्रद्धालुओं को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करेगा।
यह पहली बार है जब गूगल ने किसी अस्थायी आयोजन के लिए अपनी नेविगेशन तकनीक को अपनाया है। महाकुंभ मेला एक अस्थायी शहर के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें सड़कों, घाटों और धार्मिक स्थलों की स्थिति हर बार बदलती रहती है। ऐसे में गूगल का यह कदम काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह श्रद्धालुओं को सही रास्ता दिखाने के साथ-साथ मेला क्षेत्र के भीतर विभिन्न प्रमुख स्थानों की जानकारी भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समर्थन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इस डिजिटल तकनीकी मदद से श्रद्धालुओं का अनुभव और भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि Google Maps जैसी डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कोई मुश्किल नहीं होगी। इससे वे अपने यात्रा अनुभव को अधिक आत्मनिर्भर तरीके से आगे बढ़ा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस पहल को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह कदम मेला प्राधिकरण की ओर से उठाया गया एक बड़ा कदम है, जो उनके दृष्टिकोण के अनुरूप है। डिजिटल तकनीक के माध्यम से मेला क्षेत्र में होने वाली भीड़-भाड़ को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है, और श्रद्धालुओं को सही मार्गदर्शन मिल सकेगा।
मेला प्राधिकरण की पहल
प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अतिरिक्त मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने भी इस पहल के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गूगल ने कभी भी अस्थायी आयोजनों के लिए नेविगेशन की अनुमति नहीं दी है, लेकिन महाकुंभ के भव्य आयोजन और श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए इस विशेष पहल की आवश्यकता महसूस की गई थी।
श्रद्धालुओं को मिलेगा समृद्ध अनुभव
महाकुंभ मेला एक धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, और इस बार गूगल का यह कदम श्रद्धालुओं को एक समृद्ध अनुभव प्रदान करेगा। अब उन्हें संगम घाट, प्रमुख अखाड़ों और अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए रास्ता पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे अपने मोबाइल फोन पर गूगल नेविगेशन के माध्यम से बिना किसी कठिनाई के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
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