मुंबई : महाराष्ट्र के दिग्गज भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। फडणवीस, जो पहले दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, को 54 वर्ष की आयु में राज्य भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इस चुनावी सफलता के बाद, वह तीसरी बार राज्य की बागडोर संभालने की ओर अग्रसर हैं।
फडणवीस की राजनीतिक यात्रा : संघर्ष से सफलता की ओर
फडणवीस की राजनीति में यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। उन्होंने अपनी शुरूआत एक गुमनाम पार्षद के रूप में की थी, लेकिन बहुत जल्द ही नागपुर के सबसे युवा महापौर बनने का गौरव हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने भाजपा में अपनी सशक्त पहचान बनाई। वह शिवसेना के मनोहर जोशी के बाद महाराष्ट्र के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने हैं।
फडणवीस का राजनीतिक उत्थान
2014 के विधानसभा चुनाव से पहले, फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह का समर्थन हासिल किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में फडणवीस को ‘नागपुर का देश को उपहार’ कहा था, जो उनके प्रति विश्वास का प्रतीक था। इस चुनाव में फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की थी।
फडणवीस का शुरूआत और प्रेरणास्त्रोत
देवेंद्र फडणवीस, जो जनसंघ और भाजपा के नेता गंगाधर फडणवीस के पुत्र हैं, ने अपनी राजनीति की यात्रा 1989 में आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। उनके राजनीतिक गुरु पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी रहे हैं।
फडणवीस का राजनीतिक करियर
22 वर्ष की आयु में नागपुर नगर निगम के पार्षद बने फडणवीस ने 27 वर्ष की आयु में इसके सबसे युवा महापौर बनने का रिकॉर्ड बनाया। 1999 में उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, और इसके बाद से लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की। इस बार भी, उन्होंने अपनी नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट को बनाए रखा।
महाराष्ट्र की राजनीति में फडणवीस का योगदान
फडणवीस को महाराष्ट्र के सबसे मुखर और प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है। सिंचाई घोटाले को लेकर तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार को मुश्किल में डालने के लिए उन्हें विशेष श्रेय जाता है।
2019 में मुख्यमंत्री बनने की राह
2019 के विधानसभा चुनावों में, जब शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर भाजपा से अलग होने का फैसला लिया, तब फडणवीस को एक बड़ा झटका लगा। हालांकि, 23 नवंबर 2019 को वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें केवल तीन दिन के भीतर इस्तीफा देना पड़ा।
एक नई राजनीति के दौर में फडणवीस
शिवसेना में बड़े पैमाने पर उठापटक के बाद, जब उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दिया, तो राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने अनुमान लगाया कि फडणवीस जल्द ही मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि, भाजपा ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया। पिछले ढाई वर्षों में उपमुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उल्लेखनीय रहा और 23 नवंबर के विधानसभा चुनाव परिणाम उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुए।