तिरुवनंतपुरम: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। बुधवार (12 मार्च) की शाम को तिरुवनंतपुरम के नेय्याट्टिंकारा में इस घटना के बाद से तनाव फैल गया है। यह घटना गांधीवादी नेता गोपीनाथन नायर की उनके आवास पर प्रतिमा अनावरण के दौरान हुई, जो टीबी जंक्शन के पास स्थित है।
खबर है कि यह विरोध प्रदर्शन तुषार गांधी के एक बयान को लेकर किया गया। जिसमें उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा, राष्ट्र की आत्मा कैंसर से ग्रस्त है और इसे संघ परिवार द्वारा फैलाया जा रहा है।
तुषार गांधी के इस बयान के बाद, भारतीय जनता पार्टी और RSS कार्यकर्ताओं ने उनके साथ विरोध किया। इसके जवाब में गांधी ने अपने बयान पर पुनः बल देते हुए कार्यक्रम स्थल छोड़ दिया और “गांधी की जय” का नारा लगाया। इस घटना ने व्यापक आक्रोश को जन्म दिया। विपक्ष के नेता वी डी सतीशान ने तुषार गांधी के खिलाफ प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें रोकना महात्मा गांधी का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य के लिए एक अपमान है।
सीपीआई राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने इस घटना की निंदा की और इसे अक्षम्य कृत्य बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने संघ परिवार की असलियत को फिर से उजागर कर दिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता वी एम सुधीरन ने भी संघ परिवार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि उनके व्यवहार का कोई औचित्य नहीं था।
तुषार गांधी तिरुवनंतपुरम में महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु के बीच ऐतिहासिक बैठक की शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे, जो पहली बार 12 मार्च 1925 को शिवगिरी मठ में हुई थी।