

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा ईद के मौके पर दिए गए भाषण को लेकर सियासत गरमा गई है। ममता बनर्जी ने अपने भाषण में कथित तौर पर कहा, “कौन सा धर्म गंदा है?” उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है।

ममता बनर्जी का बयान
ईद-उल-फितर के मौके पर ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सभी धर्मों के प्रति सम्मान और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा,
“हर धर्म समान है। किसी धर्म को नीचा नहीं दिखाया जा सकता। कौन सा धर्म गंदा है? कोई धर्म गंदा नहीं हो सकता।”

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि नफरत की राजनीति करने वालों को जवाब देने की जरूरत है और पश्चिम बंगाल की धरती पर नफरत की कोई जगह नहीं है।

बीजेपी का पलटवार
ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर बीजेपी ने आक्रामक रुख अपनाया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा,
“ममता बनर्जी हमेशा एक खास वर्ग को खुश करने के लिए ऐसे बयान देती हैं। उनके बयान समाज को बांटने और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर सकते हैं।”
बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही है।
टीएमसी का बचाव
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ममता बनर्जी का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। टीएमसी प्रवक्ता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा,
“ममता बनर्जी हमेशा धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की बात करती हैं। उनका बयान सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए था। बीजेपी इसे गलत तरीके से पेश कर रही है।”
राजनीतिक असर
ममता बनर्जी के इस बयान से पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मच गई है। जहां बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं टीएमसी ने इसे साजिश करार दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी का यह बयान राज्य में मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश हो सकता है, जबकि बीजेपी इसे हिंदू वोटों को मजबूत करने के लिए भुनाने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है, खासकर लोकसभा चुनावों को देखते हुए।
