कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को लेकर मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं से आग्रह किया कि वे इस आंदोलन को राज्य से स्थानांतरित कर नई दिल्ली में केंद्रित करें। उन्होंने राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि भाजपा द्वारा उकसावे में आकर राज्य में तनाव न फैलाएं।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ कानूनी लड़ाई का आह्वान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हमें इस लड़ाई को कानूनी तरीके से लड़ना होगा। इसके लिए सही स्थान नई दिल्ली है, न कि पश्चिम बंगाल।” उन्होंने इमामों, मुअज्जिनों और मुस्लिम समुदाय के अन्य धार्मिक नेताओं के साथ बैठक में यह बात कही। यह बैठक वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध करने की रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई थी।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से संपर्क करने का सुझाव दिया
मुख्यमंत्री ने धार्मिक नेताओं को सलाह दी कि वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस अधिनियम के खिलाफ अपना पक्ष रखें। उन्होंने आश्वासन दिया कि तृणमूल कांग्रेस की संसदीय टीम राष्ट्रीय राजधानी में इस मुद्दे पर किसी भी आंदोलन में सहयोग करेगी।
ममता बनर्जी का आरोप– वक्फ अधिनियम संविधान के खिलाफ
मुख्यमंत्री ने कहा कि नया वक्फ अधिनियम भारतीय संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 18 और अनुच्छेद 35 राज्य सरकार को संपत्ति पर अधिकार देने की बात करते हैं, जबकि यह अधिनियम इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
इसके अलावा, उन्होंने अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए कहा कि यह अनुच्छेद देश में धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति पर अधिकार की बात करता है, लेकिन नए वक्फ अधिनियम के माध्यम से इन अधिकारों को छीन लिया गया है। ममता बनर्जी ने कहा, “राम और रहीम दोनों के अधिकारों को छीना गया है।”
राज्य में लागू नहीं होगा नया वक्फ अधिनियम: मुख्यमंत्री का ऐलान
इससे पहले ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि नया वक्फ अधिनियम पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को यह भरोसा भी दिलाया था कि उनकी संपत्ति और अधिकारों की रक्षा के लिए वह हमेशा उनके साथ रहेंगी।
भाजपा का पलटवार – मुख्यमंत्री को नहीं है अधिकार
भाजपा की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी केंद्रीय अधिनियम को लागू न करने की घोषणा करें। भाजपा नेताओं ने इसे संविधान के खिलाफ बताया।