मणिपुर: पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के एक सक्रिय सदस्य सगोलशेम सनतोम्बा सिंह (27) को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी मणिपुर के थौबल जिले के वांगबल मानिंग लीकाई क्षेत्र से की गई।
सनतोम्बा सिंह 2021 में असम राइफल्स के काफिले पर हुए घातक हमले का मुख्य आरोपी है, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर, उनकी पत्नी, बेटे और तीन जवानों की मौत हो गई थी। यह हमला भारत-म्यांमार सीमा के पास स्थित चुराचांदपुर जिले के सेहकान गांव में हुआ था।
एनआईए की वॉन्टेड लिस्ट में था नाम
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 6 जनवरी 2022 को सगोलशेम सनतोम्बा सिंह की गिरफ्तारी के लिए ₹6 लाख के नकद इनाम की घोषणा की थी। वह NIA द्वारा नामित 10 वांछित विद्रोहियों में शामिल था।
गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड भी जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि इससे उग्रवादी नेटवर्क और साजिशों से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है।
PLA और MNPF ने मिलकर किया था हमला
नवंबर 2021 में हुए इस हमले को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) के उग्रवादियों ने मिलकर अंजाम दिया था। हमले में 46 असम राइफल्स के काफिले को निशाना बनाया गया था।
एनआईए ने इस आतंकी हमले के मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।
मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी: एक परिचय
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की स्थापना 1978 में बिश्वेसर सिंह ने की थी। यह संगठन मणिपुर को भारत से अलग कर स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की मांग करता रहा है। भारत सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। PLA पिछले कई वर्षों से भारतीय सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमले करता रहा है।
गिरफ्तारी से मणिपुर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता
मणिपुर पुलिस की यह गिरफ्तारी राज्य में चल रही विद्रोही गतिविधियों पर लगाम लगाने और आतंकवाद के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि सनतोम्बा से पूछताछ के बाद PLA और अन्य उग्रवादी संगठनों की योजनाओं का पर्दाफाश हो सकेगा।
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