लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने रविवार को सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग़ बहादुर के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर अपने भावनाएं व्यक्त कीं।
गुरु तेग बहादुर ने बलपूर्वक धर्मांतरण का किया था विरोध
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि धर्म की रक्षा, मानवता की धारा और हिंदू धर्म के बलपूर्वक धर्मांतरण का विरोध करने के कारण अपने प्राणों की आहुति देने वाले गुरु तेग बहादुर जी को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
मानवता की रक्षा के लिए दी प्राणों की आहूति: ब्रजेश पाठक
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी ‘एक्स’ पर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की कि धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन करता हूं। उन्होंने गुरु जी के महान कार्यों को सराहा और उनके बलिदान को याद किया।
इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है शहादत: भूपेंद्र सिंह
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता और वैचारिक स्वतंत्रता के लिए जो शहादत दी, वह इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। गुरु जी की वीरता और बलिदान को हम सदा याद करेंगे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि महान सिख गुरु गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
प्रेम, त्याग और बलिदान के सर्वोच्च प्रतीक: समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर गुरु तेग बहादुर के बलिदान को लेकर एक संदेश साझा किया, जिसमें कहा गया कि प्रेम, त्याग और बलिदान के सर्वोच्च प्रतीक, ‘हिंद की चादर’, सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर शत शत नमन।
गुरु तेग बहादुर का बलिदान सिख धर्म और मानवता की रक्षा के लिए था। 24 नवंबर 1675 को मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश पर गुरु तेग बहादुर को शहीद कर दिया गया था। उन्होंने न केवल सिखों बल्कि समग्र मानवता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान धर्म, स्वतंत्रता और समानता के प्रतीक के रूप में इतिहास में अमर रहेगा।
गुरु तेग बहादुर का बलिदान केवल सिख समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उनके अद्वितीय त्याग और बलिदान को याद करते हुए देश भर में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।