सेंट्रल डेस्क : कनाडा की लिबरल पार्टी ने मार्क कार्नी को अपना नया नेता चुन लिया है, जो अब देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे, जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। 59 वर्षीय कार्नी को पार्टी सदस्यों के बीच हुए मतदान में 85.9% वोट मिले।कौन हैं मार्क कार्नी मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च 1965 को नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ के फ़ोर्ट स्मिथ में हुआ और उनका पालन-पोषण एडमॉन्टन, अल्बर्टा में हुआ। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की उपाधियां प्राप्त कीं। कार्नी ने 2008 से 2013 तक बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर और 2013 से 2020 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के रूप में कार्य किया, जहां वे इस पद को संभालने वाले पहले गैर-ब्रिटिश व्यक्ति थे। वे संयुक्त राष्ट्र के जलवायु कार्रवाई और वित्त के लिए विशेष दूत के रूप में सेवा कर रहे हैं। ट्रंप की नीतियों के आलोचककार्नी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की आलोचना की है, विशेष रूप से कनाडा पर लगाए गए 25% टैरिफ के संबंध में। उन्होंने कहा है कि जब तक अमेरिका, कनाडा के साथ मुक्त और निष्पक्ष व्यापार की विश्वसनीय और भरोसेमंद प्रतिबद्धता नहीं जताता, तब तक जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी। भारत-कनाडा संबंधों में संभावित सुधारजस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान भारत और कनाडा के संबंधों में कुछ खटास आई थी। हालांकि, कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से इन संबंधों में सुधार की उम्मीद है। उनकी आर्थिक विशेषज्ञता और वैश्विक दृष्टिकोण भारत-कनाडा व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने में सहायक हो सकते हैं।मार्क कार्नी का कनाडा का प्रधानमंत्री बनना न केवल देश के लिए, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव से भारत-कनाडा संबंधों में नए आयाम जुड़ सकते हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभदायक होंगे।
Read also- Genocide IN Syria : 1,000 से अधिक लोगों की हत्या, छतों पर बिखरी लाशें; हिंसा कैसे फैली?