जमशेदपुर : रोज का यात्रा खर्च 50 रुपये, भारत दुनिया की सबसे सहिष्णुता वाला देश, अतिथि देवो भव को चरितार्थ करता है भारत का हर राज्य।
जर्मनी के 35 वर्षीय मैक्स, जो पिछले 20 महीनों से साइकिल पर यात्रा कर रहे हैं, ने आज जमशेदपुर में कदम रखा। उनकी इस अद्भुत यात्रा का उद्देश्य दुनिया भर के विभिन्न लोगों और संस्कृतियों से जुड़ना और उन्हें समझना है।
जमशेदपुर में मैक्स का स्वागत एचआरएस स्पोर्ट्स क्लब के खिलाड़ियों द्वारा किया गया। उन्होंने खिलाड़ियों को अनुभव सुनाए और साइक्लिंग के माध्यम से अपने जीवन को बदलने के प्रेरणादायक किस्से साझा किए।इसके बाद, उन्होंने छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शिक्षा और यात्रा के महत्व पर चर्चा की और छात्रों को अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया। मैक्स ने बताया कि उनकी अगली मंजिल जगन्नाथपुरी है, जहां वे संत प्रज्ञानंद से मिलने जाएंगे। इसके साथ ही वे अपनी यात्रा और अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक को जर्मन भाषा में अनुवादित कराने की योजना बना रहे हैं।
मैक्स की यह यात्रा केवल उनके व्यक्तिगत साहस और धैर्य की कहानी नहीं है, बल्कि यह विश्व संस्कृति और मानवता के आपसी जुड़ाव की मिसाल भी है। उनकी यह पहल युवाओं को प्रेरित करती है कि कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करनी चाहिए। यह तभी मुमकिन हो सकता है, जब आप अपने दिल की आवाज सुनें एवं धैर्य पूर्वक जीवन के निर्णय लें।
ऐसे जारी रखा सफर
मैक्स ने 20 अप्रैल 2023 को जर्मनी से साइकिल की जर्नी प्रारंभ की। वे वहां से ऑस्ट्रिया, इटली, क्रोएशिया, स्लोवेनिया, बोस्निया, श्रीबिया, बुल्गारिया, रोमानिया होते हुए तुर्की तक सड़क मार्ग से पहुंचे, फिर तुर्की से जहाज के जरिए ईरान पहुंचे। उसके बाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए भारत पहुंचे। इन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बेकरी का प्रशिक्षण लिया था।