रांची, नवंबर 18, 2024: गुजरात के पाटन स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां रैगिंग के चलते एक मेडिकल छात्र की मौत हो गई। घटना में यह आरोप लगाया गया है कि सीनियर छात्रों ने फर्स्ट ईयर के छात्र को तीन घंटे तक खड़ा रखा, जिससे वह बेहोश हो गया और उसकी मृत्यु हो गई।
गुजरात मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की गंभीर घटना
मृतक छात्र का नाम अनिल मेथानिया बताया जा रहा है, जो इस साल धारपुर पाटन के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एडमिशन ले चुका था। सूत्रों के अनुसार, अनिल को हॉस्टल में थर्ड ईयर के छात्रों ने ‘इंट्रोडक्शन’ नामक प्रक्रिया के दौरान तीन घंटे तक खड़ा रखा। कॉलेज परिसर में इस प्रक्रिया को रैगिंग के एक रूप के रूप में देखा जाता है, जिसमें सीनियर छात्र जूनियर छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करते हैं।
अनिल को तीन घंटे तक खड़ा रखने के बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, अनिल ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले पुलिस को अपने बयान में कहा कि उसे तीन घंटे तक खड़ा रखा गया था।
पुलिस और कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज के डीन हार्दिक शाह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जैसे ही कॉलेज प्रशासन को अनिल के बेहोश होने की सूचना मिली, उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीन ने कहा, “अनिल ने पुलिस को बताया था कि उसे रैगिंग के दौरान तीन घंटे तक खड़ा रखा गया था। हम पुलिस और परिवार से संपर्क में हैं और सख्त कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं।”
पुलिस अधिकारी केके पांड्या ने बताया कि छात्र के पिता की शिकायत पर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस द्वारा शव परीक्षण कराया गया है और मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद मामले की आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रैगिंग पर सख्त कानून और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की भूमिका
रैगिंग के खिलाफ कड़े कानूनों के बावजूद ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं और संस्थानों को इस प्रकार की घटनाओं को बढ़ावा देने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अनिल की चचेरे भाई धर्मेंद्र ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “हमें कॉलेज से खबर मिली कि अनिल बेहोश हो गया है और अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब हम अस्पताल पहुंचे, तो हमें पता चला कि उसे सीनियर छात्रों ने रैगिंग के दौरान परेशान किया था। हम न्याय की उम्मीद करते हैं।”
गुजरात में रैगिंग की घटनाओं का बढ़ना
यह घटना रांची के बीआईटी मेसरा में हुई उसी प्रकार की एक घटना के बाद सामने आई है, जहां एक जूनियर छात्र की मौत सीनियर छात्रों द्वारा की गई रैगिंग के कारण हुई थी। दोनों घटनाएं यह साबित करती हैं कि रैगिंग के खिलाफ सख्त कानूनों के बावजूद शैक्षणिक परिसरों में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन और पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। यह घटना देश भर में रैगिंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट करती है।