नई दिल्ली, सेंट्रल डेस्क: शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हुई टूट के बीच विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में आगामी 13 और 14 जुलाई को प्रस्तावित अपनी दूसरी बैठक टाल दी है। जदयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि बैठक फिलहाल टाल दी गयी है। संसद के मानसून सत्र के बाद नयी तारीख तय की जायेगी।
वहीं आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा है कि बैठक की तिथि टली है। यह बैठक पहले भी हो सकती है। संसद के मानसूम सत्र के साथ ही बिहार विधानसभा का मानसून सत्र भी प्रारंभ होने वाला है। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र अगले हफ्ते 10 जुलाई यानी सोमवार से शुरू होगा, 24 जुलाई तक चलेगा।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले हफ्ते शनिवार को कहा था कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और यह 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिन तक चलने वाले मानसून सत्र में कुल 23 बैठकें होंगी।
एनसीपी में टूट से कांग्रेस सतर्क, बुलाई वरिष्ठ नेताओं की बैठक
एनसीपी में टूट के बाद कांग्रेस सतर्क हो गयी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। इसके लिए वह आज शामिल दिल्ली पहुंचेंगे।
इस मीटिंग में महाराष्ट्र के नेए नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा होगी। विपक्षी दलों को एकसाथ रखने की चुनौती के साथ ही महाराष्ट्र में कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है।
विपक्षी दलों की एकता में दरार
अजित पवार के इस्तीफे के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे विपक्ष की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्षी एकता की कवायद में दरार आ सकती है।
कुछ दल पहले से एक दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। वहीं शरद पवार के कमजोर होने से एकता कमजोर होगी। शरद पवार को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी को संभाल पाने में वे असफल हो गए हैं।
अजित पवार के जरिए भाजपा ने शरद पवार को हराया है। वहीं अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के बीच केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर पनपा बवाल जारी है।
साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी के बीच का विवाद भी चल रहा है। दरअसल पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और कम्युनिष्ट पार्टी ने गठबंधन किया है।
विपक्षी बैठक टलने के क्या हैं मायने-मतलब
बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन 23 जून को किया गया था। इस मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया कि विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में किया जाएगा। अब इस मीटिंग को टाल दिया गया है।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तैयार हो रहे मोर्चे को अजीत पवार के कदम से झटका लगा है। फिलहाल विपक्षी नेताओं के पास इतना समय नहीं है कि वह इतनी जल्दी सबकुछ ऑल इन वेल साबित कर सकें। यह बैठक 13-14 जुलाई को होने वाली थी।
बिहार में शिक्षक नियुक्ति के मामले पर माहौल गर्म में विपक्षी दल भाजपा विधानसभा में सरकार का घेराव करने की तैयारी में हैं। इसकी रणनीति बनाने में नीतीश कुमार को समय लगेगा।
कर्नाटक का विधानसभा सत्र भी है। इस कारण कई विपक्षी दलों के कई नेताओं का इस मीटिंग में आ पाना मुश्किल हैं। हालांकि अब यह मीटिंग कब होगी इस बाबत किसी तरह की जानकारी साझा नहीं की गई है।