पुणे : Immediate Ban Of Maharaja Film: भारत साधु-संतों की भूमि है। संतों ने संपूर्ण विश्व में जाकर भारतीय संस्कृति, धर्म, ज्ञान, कला, सभ्यता, सदाचार, इसके साथ ही भगवद्भक्ति सिखाकर समाज को आदर्श जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया है। ऐसा होते हुए भी अभिनेता आमिर खान के पुत्र जुनैद खान, ‘यशराज फिल्म्स’ की ‘महाराज’ फिल्म द्वारा साधु-संतों को दुराचारी, गुंडा प्रवृत्ति के दिखाकर उनकी बदनामी की गई है। इसलिए भारत सरकार इस फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाए, ऐसी मांग हिंदू जनजागृति समिति ने आंदोलन के माध्यम से की है। पुणे में श्रीशिवाजी महाराज पुतला, कोथरूड में यह आंदोलन किया गया। इस समय अन्य हिंदूनिष्ठ संगठन भी सहभागी थे।
Immediate Ban Of Maharaja Film: आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ का भी हुआ था विरोध
इससे पहले भी आमिर खान की ‘पीके’ फिल्म में भी भगवान शिव के विषय में अपमानास्पद दृश्य एवं आक्षेपार्ह संवाद दिखाए थे । हिन्दू संतों को गुंडा प्रवृत्ति के रूप में दिखाया था। वहीं, अब उसका बेटा ‘महाराज’ फिल्म से कर रहा है।
150 वर्ष पूर्व अंग्रेजों के शासनकाल की एक घटना पर आज पुन: साधु-संत और वल्लभ संप्रदाय के विषय में गलत चित्र दिखाया जा रहा है। इस फिल्म के माध्यम से देश भर में साधु-संतों और वल्लभ संप्रदाय की बदनामी करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। इस फिल्म में यह दिखाकर कि साधु-संत दुराचारी और वासनांध होते हैं, हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का प्रयत्न हुआ और उससे कानून और सुव्यवस्था बिगड गई, तो उसके लिए जिम्मेदार पूर्णरूप से जुनैद खान, यशराज फिल्म और नेटफ्लिक्स होंगे।
Immediate Ban Of Maharaja Film: छोटे बच्चों को भड़काने की मंशा
जुनैद खान, आमिर खान, यशराज फिल्म और नेटफ्लिक्स, क्या ये मदरसों में मुल्ला-मौलवियों द्वारा होनेवाले लड़के लड़कियों के लैगिक शोषण, इस विषय पर फिल्म बनाएंगे? छोटे बच्चों को भड़काकर उन्हें जिहादी कृत्यों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, फिर उनसे आतंकवादी और देशविघातक कृत्य कैसे करवाए जाते हैं, इस विषय पर फिल्म बनाएंगे क्या? चर्च अथवा चर्च द्वारा चलाए जाने वाले वसतिगृह अर्थात निवास अथवा छात्रावास में इन ईसाई धर्मगुरुओं द्वारा हो रहे लडके और महिलाओं के शोषण, क्या इस विषय पर फिल्म बनाएंगे? ऐसे विषयों पर फिल्म बनाने का साहस बॉलीवुड नहीं करेगा; केवल हिंदू संतों को, हिंदू धार्मिक कृत्यों को सहजता से लक्ष्य किया जाता है।
हिंदू सहिष्णु होने और ‘सेक्युलरिजम’के नाम पर केवल हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को पैरों तले रौंदा जाता है। यह कदापि सहन नहीं किया जाएगा। इस फिल्म के विरोध में देशभर में रोष फैल गया है। हिंदुओं की सहनशीलता की सरकार अब और परीक्षा न ले और केंद्र सरकार इस फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगाए।
इसके साथ ही देवता, धर्म, संत आदि का अनादर रोकने के लिए ‘ईशनिंदा विरोधी कानून’ देशभर में लागू करे, ऐसी मांग भी हिंदू जनजागृति समिति की ओर से की गई है।