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2035 तक देश के हर घर में होंगे कैंसर के एक मरीज, WHO ने जताई चिंता

by Rakesh Pandey
World Cancer Day
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हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर। World Cancer Day: चार फरवरी को हर साल विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) मनाया जाता है। इस बार का थीम-‘क्लोज़ द केयर गैप’ है। हर साल अलग-अलग थीम पर कैंसर दिवस मनाया जाया है। भारत में कैंसर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो काफी चिंताजनक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में जिस रफ्तार से कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ रही है वह काफी चिंताजनक है। WHO ने वर्ष 2035 तक देश के हर घर में एक कैंसर रोगी होने की संभावना जताई है। इसमें सभी तरह के कैंसर शामिल होंगे। ऐसे में सभी लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।

छह साल में 5.12 प्रतिशत बढ़े ब्रेस्ट कैंसर मरीज

जमशेदपुर के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल (एमटीएमएच) का आंकड़ा देखा जाए तो बीते छह साल में ब्रेस्ट कैंसर के 5.12 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं, जो चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण देर से गर्भधारण, ब्रेस्ट फीडिंग (स्तनपान) नहीं कराना, मोटापा, जेनेटिक सहित अन्य शामिल हैं। ऐसे में वैसी महिलाओं को जागरूक व सावधान होने की जरूरत है। जमशेदपुर के विभिन्न अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो हर साल कैंसर के लगभग छह हजार नए मरीज मिल रहे हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं पर आधुनिक जीवनशैली इतनी हावी हो गई है कि वे स्तनपान कराने से बच रही है। उनका दलील है कि इससे उनके शरीर की शेप खराब होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।

Breast Cancer- बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मरीज

मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल का आंकड़ा देखा जाए तो यहां वर्ष 2017 में कैंसर के कुल तीन हजार मरीज पहुंचे। इसमें ब्रेस्ट कैंसर के 342 रोगी है। यानी 11.4 प्रतिशत। वहीं, वर्ष 2022 में 15.38 प्रतिशत मरीज आएं। जबकि, वर्ष 2023 में ब्रेस्ट कैंसर मरीजों की संख्या बढ़कर 16.52 प्रतिशत पहुंच गई है। 2023 में 2590 नए मरीज पहुंचे। इसमें ब्रेस्ट कैंसर के 428 शामिल हैं। इस तरह से ब्रेस्ट कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।

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east Feeding- ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कराना खतरनाक

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. वनिता सहाय कहती हैं कि स्तनपान (ब्रेस्ट फीडिंग) कराने वाली अधिकांश महिलाएं स्तनपान के दौरान हार्मोनल परिवर्तन का अनुभव करती हैं जिससे उनके मासिक धर्म में देरी होती है। इससे एक महिला का जीवनकाल में एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन के प्रति जोखिम कम हो जाता है, जो स्तन कैंसर कोशिका वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।

Breast Cancer- क्या है?

स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन में कोशिकाएं असामान्य हो जाती हैं और अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं। स्तन कैंसर आमतौर पर उन ग्रंथियों में शुरू होता है जो दूध (लोब्यूल) का उत्पादन करती हैं या ट्यूब (नलिकाएं) जो दूध को ग्रंथियों से निपल तक ले जाती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा इन महिलाओं में अधिक

– मोटापा अधिक होना।
– कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाना।
– मेनोपाज में देरी।
– गर्भधारण में देरी।
– स्तनपान नहीं कराना।
– धूम्रपान व शराब का सेवन।
– 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं में जेनेटिक।

Breast Cancer- लक्षण

– ब्रेस्ट में गांठ या मोटा होना जो आसपास के ऊतकों से अलग महसूस होता है।
– ब्रेस्ट के आकार, आकार या स्वरूप में परिवर्तन।
– ब्रेस्ट के ऊपर की त्वचा में परिवर्तन, जैसे गड्ढे पड़ना।
– एक नया उलटा निपल।
– निपल (एरिओला) या स्तन की त्वचा के आसपास की त्वचा के रंजित क्षेत्र का छिलना, स्केलिंग, पपड़ी या परत निकलना।
– आपके स्तन के ऊपर की त्वचा की लालिमा या गड्ढा, जैसे संतरे की त्वचा।

उम्र 40 के बाद कराएं जांच

मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. तमोजित चौधरी ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण बदलते जीवन शैली है। उम्र 40 के बाद हर महिलाओं को वर्ष में एक बार मेमोग्राफी जांच कराने चाहिए। इससे शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान हो जाएगी। इसकी जांच के लिए मेमोग्राफी जांच कराया जाता है।

 

 

 

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