Ranchi (Jharkhand) : बोकारो से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह के खिलाफ विवाद गहराता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने अब राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया है और विधायक की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग कर दी है। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन में फर्जी दस्तावेजों और जानकारी छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्या हैं आरोप?
भाजपा का कहना है कि श्वेता सिंह ने 2019 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान जो शपथ पत्र दाखिल किया, उसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ छिपाई गईं। आरोप है कि उन्होंने बीएसएल (बोकारो स्टील लिमिटेड) के आवंटित आवास का ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ नहीं लगाया, बावजूद इसके शपथ पत्र में ‘सरकारी बकाया’ के कॉलम में ‘NA’ (नॉट एप्लिकेबल) लिखा।
भाजपा का दावा है कि 2022 से बीएसएल आवास का बकाया श्वेता सिंह पर है, जिसे उन्होंने छुपाया।
दो पैन कार्ड और चार वोटर आईडी पर विवाद
सबसे गंभीर आरोप है कि श्वेता सिंह के पास दो पैन कार्ड और चार वोटर आईडी कार्ड हैं। भाजपा ने इन दस्तावेजों की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपते हुए कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन है।
भाजपा की मांग : निष्पक्ष जांच और सदस्यता रद्द
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार से मिलकर ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो आयोग को श्वेता सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करनी चाहिए।
श्वेता सिंह ने क्या दी सफाई?
विधायक श्वेता सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भाजपा अज्ञानता और राजनीतिक द्वेष के कारण गलत आरोप लगा रही है। उन्होंने दावा किया कि:
मैं वही पैन कार्ड इस्तेमाल करती हूं, जो आधार से लिंक है।
नया वोटर कार्ड पता बदलने के बाद बनवाया गया है, पुराने को रद्द करने के लिए आवेदन पहले ही दे चुकी हूं।
यदि वह रद्द नहीं हुआ तो यह चुनाव पदाधिकारी (RO) की जिम्मेदारी है, मेरी नहीं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता बोकारो के विकास की बात छोड़कर केवल राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा नेता बिरंची नारायण का आरोप
पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने श्वेता सिंह से सीधा सवाल पूछा — क्या आपके पास चार वोटर कार्ड और दो पैन कार्ड हैं या नहीं? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक पैन कार्ड में पति का नाम दर्ज है जबकि दूसरे में नहीं, साथ ही दोनों में नाम की स्पेलिंग अलग है।
विधानसभा और डीसी तक पहुंचा मामला
यह मामला सिर्फ चुनाव आयोग तक ही सीमित नहीं है। विधानसभा में भी इसकी शिकायत की जा चुकी है और स्पीकर रवींद्रनाथ महतो से उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है।
बोकारो डीसी विजया माधव ने इस मामले की जांच कर निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेज दी है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग की जांच में क्या सामने आता है और क्या श्वेता सिंह की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है।