मैथन (धनबाद): रिश्वतखोरी के मामले में गोविंदपुर अंचल कार्यालय में एसीबी की टीम ने शनिवार को पहली बार कार्रवाई की और प्रधान सहायक परमानंद प्रसाद को 15 हजार रुपया रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम ने उसके आवास से बरामद 4.10 लाख व कार्यालय के आलमीरा में रखे करीब 43 हजार रुपये की छानबीन शुरू कर दी है। टीम को प्रधान सहायक के जब्त मोबाइल के वाट्सएप में कई लेन-देने के सबूत मिले हैं। इन पैसे में किन-किन की हिस्सेदारी मिलती थी यह भी पता लगाया जा रहा है। प्रधान सहायक को धनबाद मुख्यालय में ले जाकर पूछताछ की जा रही है। भ्रष्टाचार के इस खेल में कौन-कौन शामिल है इसका पता लगाया जा रहा है। एसीबी टीम के डीएसपी नितिन खंडेलवाल का मानना है कि गोविंदपुर अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी की लगातार शिकायतें मिल रही थी। सबूत नहीं होने के कारण वह कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे। रिश्वतखोरी के इस खेल में जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर एसीबी की इस कार्रवाई से अंचल कार्यालय के भ्रष्टाचार से परेशान लोग काफी खुश हैं। अंचल कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। कर्मचारी व अधिकारी नदारत हैं।
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गोविंदपुर अंचल में सभी कामों के लिए अलग-अलग रेट तय : गोविंदपुर अंचल कार्यालय में सभी कामों के लिए अलग- अलग अलग रेट तय है। यहां बिना रिश्वत का कोई काम नहीं होता है। अंचल कार्यालय में पहले प्रतिदिन के हिसाब से वसूली होती थी। अब रकवा के हिसाब से वसूली हो रही है। ऑनलाइन म्यूटेशन एवं जमाबंदी ऑनलाइन करने के एवज में प्रति 10 डिसमिल पर छह हजार की वसूली की जाती है। रिश्वत नहीं देने पर मामले को ऑब्जेक्ट में डाल दिया जाता है। फिर तीन माह बाद रिजेक्ट कर दिया जाता है। अंचल कार्यालय की गतिविधियों से आम जनता त्रस्त है । निहायत गरीबों का काम भी यहां निश्शुल्क नहीं होता। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में कई लोगों ने जमाबंदी ऑनलाइन, ऑनलाइन म्यूटेशन, जमीन मापी, भूमिहीनों को घर बनाने के लिए जमीन आदि के आवेदन दिए गए थे, परंतु वही मामले स्वीकृत हुए जिसके लिए संबंधित व्यक्ति ने राशि दी और जिन्होंने राशि नहीं दी उसके मामले रिजेक्ट कर दिए गए। भूमिहीनों को घर बनाने की जमीन देने के एक भी मामले की अनुशंसा जिला मुख्यालय नहीं की गई है। एसीबी भ्रष्टाचार में शामिल कई राजस्व उपनिरीक्षकों को भी टारगेट में ले रखा है। कभी भी उनपर एसीबी की गाज गिर सकती है।
गोविंदपुर अंचल का भ्रष्टाचार से रहा है चोली दामन का नाता
गोविंदपुर अंचल कार्यालय का विवादों से चोली दामन का नाता रहा है। इसके पूर्व एक महिला राजस्व उप निरीक्षक ने वायु सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक कुमार सिंह से उनकी सास की जमीन ऑनलाइन कराने के नाम पर आठ हजार मांगे गए थे। उस समय यह मामला सुर्खियों में आया था। बाद में धनबाद डीसी ने कार्रवाई करते हुए उक्त महिला राजस्व उप निरीक्षक का तबादला बलियापुर कर दिया था। इसके अलावे पांच नवंबर 2022 की आधी रात में गोविंदपुर सीओ को बरवाअड्डा थाना अंतर्गत गोरगा गांव में बालू वाहन चालकों ने बंदी बना लिया था। धनबाद एसएसपी के निर्देश पर पुलिस पहुंची थी और सीओ को छुड़ाकर लाई थी। बालू गाड़ियों से वसूली के क्रम में ही यह घटना हुई थी। इधर रैयत सनातन हेंब्रम की शिकायत पर एसीबी की गिरफ्त में आए गोविंदपुर अंचल के प्रधान सहायक परमानंद प्रसाद ने पहले दस हजार रिश्वत की मांग की थी। जब सनातन हेम्ब्रम दस हजार रिश्वत देने लगे तो प्रधान सहायक ने उसे प्रति एकड़ दस हजार रुपये रिश्वत देने को कहा। जब उसका काम नहीं हुआ तब थक हार कर उन्होंने एसीबीसी कार्यालय में लिखित शिकायत की। एसीबी ने प्रधान सहायक के आवास से जो चार लाख रुपये बरामद किए हैं वह निश्चित रूप से अंचल के वरीय अधिकारियों को देने के लिए ही वसूली की गई थी।